गंभीर के पसंदीदा खिलाड़ी को मिला लॉर्ड्स टेस्ट में मौका

भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज खेल रही है, जिसमें वाशिंगटन सुंदर को बार-बार मौका दिया जा रहा है, जबकि उनके प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है। कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल के समर्थन के चलते सुंदर को टीम में बनाए रखा गया है, लेकिन क्या यह चयन प्रक्रिया सही है? जानें इस मुद्दे पर और क्या चिंताएं हैं टीम इंडिया के प्रदर्शन को लेकर।
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गंभीर के पसंदीदा खिलाड़ी को मिला लॉर्ड्स टेस्ट में मौका

लॉर्ड्स टेस्ट की तैयारी

गंभीर के पसंदीदा खिलाड़ी को मिला लॉर्ड्स टेस्ट में मौका

लॉर्ड्स टेस्ट: भारतीय क्रिकेट टीम वर्तमान में इंग्लैंड में पांच मैचों की टेस्ट श्रृंखला खेल रही है। अब तक दो मैच खेले जा चुके हैं और टीम इंडिया ने सीरीज में 1-1 की बराबरी की है। तीसरा टेस्ट 10 जुलाई को प्रतिष्ठित लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर आयोजित किया जाएगा।


चिंता का विषय

हालांकि, भारतीय टीम के प्रदर्शन को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं, खासकर टीम चयन को लेकर। लगातार हार और बल्लेबाजी-बॉलिंग में असंतुलन के बावजूद, टीम प्रबंधन कुछ खिलाड़ियों को प्राथमिकता दे रहा है, जिनका प्रदर्शन आंकड़ों में भी कमजोर है।


वाशिंगटन सुंदर की स्थिति

फ्लॉप होने के बावजूद मौका

टीम इंडिया के हर मैच में वाशिंगटन सुंदर का नाम बार-बार सामने आ रहा है। ऑलराउंडर के रूप में सुंदर को बार-बार मौके दिए जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से निराश किया है। इसके बावजूद, उन्हें प्लेइंग XI में जगह मिल रही है।

दूसरे टेस्ट में, जो एजबेस्टन में खेला गया, सुंदर ने 42 रन बनाए, लेकिन गेंदबाजी में उनकी परफॉर्मेंस बेहद खराब रही। 14 ओवर में 73 रन लुटाए और एक भी विकेट नहीं लिया। ऐसे में सवाल उठता है कि उन्हें बार-बार मौका क्यों दिया जा रहा है?


गंभीर और गिल का समर्थन

कोच और कप्तान का पसंदीदा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल वाशिंगटन सुंदर को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। सुंदर ने IPL 2025 में गुजरात टाइटंस के लिए खेला था, जहां गिल कप्तान थे।

ऐसा माना जा रहा है कि व्यक्तिगत संबंध और आंतरिक विश्वास के कारण सुंदर को बार-बार मौका मिल रहा है, भले ही उनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा।


अन्य अवसरों का जिक्र

ऑस्ट्रेलिया और टी20 में भी असफलता

गौतम गंभीर ने सुंदर को ऑस्ट्रेलिया दौरे में भी मौका दिया था, जहां उनका प्रदर्शन औसत से भी खराब रहा। इसके बाद, जब उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में शामिल किया गया, तब भी उन्होंने निराशाजनक बल्लेबाजी की।

यह उस सीरीज की एकमात्र हार थी। इसके बावजूद, चयनकर्ता और कोच सुंदर के साथ खड़े हैं।


टीम की रणनीति पर सवाल

गंभीर के कारण मिल रहा मौका

एक ओर, टीम इंडिया को विदेशी सरजमीं पर गेंदबाजी की मजबूती की आवश्यकता है, वहीं दूसरी ओर वाशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों को प्राथमिकता देना गेंदबाजी को कमजोर कर रहा है। सुंदर का ऑलराउंडर का रोल है, लेकिन वे ना गेंद से प्रभावी दिखे हैं, और ना ही बल्ले से मैच जिताने वाली पारी खेल पाए हैं।

कुलदीप यादव और रवींद्र जडेजा जैसे अनुभवी स्पिनरों को बेंच पर बैठाकर सुंदर को बार-बार मौका देना टीम की रणनीति पर सवाल खड़ा कर रहा है।