खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बारे में भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बारे में फैली भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण का स्तर देश में अभी भी कम है, लेकिन इसके विकास की अपार संभावनाएं हैं। पासवान ने कहा कि यह क्षेत्र किसानों की आय बढ़ाने और युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने में सहायक हो सकता है। इसके साथ ही, उन्होंने खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
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खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बारे में भ्रांतियों को दूर करने की आवश्यकता पर जोर दिया

भ्रामक धारणा को खत्म करने की आवश्यकता

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान ने बुधवार को इस धारणा को स्पष्ट करने की आवश्यकता पर जोर दिया कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।


उन्होंने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने इस मुद्दे पर एक समिति का गठन किया है।


खाद्य प्रसंस्करण का महत्व

‘वर्ल्ड फूड इंडिया-25’ कार्यक्रम की घोषणा के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पासवान ने कहा कि देश में खाद्य प्रसंस्करण का स्तर अभी भी काफी कम है और इस क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।


किसानों और युवाओं के लिए अवसर

उन्होंने आगे कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र किसानों की आय में वृद्धि कर सकता है और युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर भी प्रदान कर सकता है।


इस दौरान, पासवान ने उन भ्रामक विज्ञापनों का भी उल्लेख किया, जिनमें प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को नकारात्मक रूप से प्रस्तुत किया जाता है।


सत्यता की पुष्टि

उन्होंने कहा कि यह गलत धारणा फैलाई जा रही है कि प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में पोषक तत्वों की कमी होती है।


उन्होंने यह भी बताया कि खाद्य सुरक्षा नियामक एफएसएसएआई इन खाद्य उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य करता है।