खाटू श्याम जी की आरती: देवउठनी एकादशी पर विशेष पूजा विधि
खाटू श्याम जी की आरती
खाटू श्याम जी की आरती
खाटू श्याम जी की आरती: आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि, जिसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है, का व्रत मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान श्री हरि चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं, जिससे सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। इसके साथ ही, इस दिन बाबा खाटू श्याम जी का जन्मदिन भी है, जिन्हें कलियुग का देवता और हारे का सहारा माना जाता है। बाबा खाटू श्याम, भगवान श्रीकृष्ण के कलियुगी अवतार माने जाते हैं। यदि आप खाटू श्याम बाबा को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उनकी विधि-विधान से आरती करना एक अच्छा उपाय है।
खाटू श्याम जी की आरती
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
रतन जड़ित सिंहासन, सिर पर चंवर ढुरे।
तन केसरिया बागो, कुण्डल श्रवण पड़े।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
गल पुष्पों की माला, सिर पार मुकुट धरे।
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जले।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
मोदक खीर चूरमा, सुवरण थाल भरे।
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
झांझ कटोरा और घडियावल, शंख मृदंग घुरे।
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम उचरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत भक्त-जन, मनवांछित फल पावे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
जय श्री श्याम हरे, बाबा जी श्री श्याम हरे।
निज भक्तों के तुमने, पूरण काज करे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे।।
ओम जय श्री श्याम हरे.. बाबा जय श्री श्याम हरे।।
