खरगे का राज्यसभा में विवादास्पद बयान, हंगामा मच गया

राज्यसभा में खरगे का बयान
‘खरगे साहब फायर’ कांग्रेस के नेता इस वाक्य के साथ 26 सेकंड का एक वीडियो साझा कर रहे हैं। यह वीडियो 3 फरवरी, सोमवार को दोपहर 2:50 बजे का है, जब राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ अपनी सीट पर थे और खरगे बोल रहे थे।
इस दौरान किसी ने कुछ कहा, जिससे खरगे नाराज हो गए। उन्होंने जो कहा, वह सामान्यतः उनके बोलने का तरीका नहीं था। उन्होंने ‘चुप-चुप’ कहा और सदन में शोर बढ़ गया। आखिरकार, राज्यसभा में ऐसा क्या हुआ कि खरगे भड़क गए?
वास्तव में, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान, राज्यसभा सांसद और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एनडीए सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने महाकुंभ में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वहां हजारों लोग मारे गए हैं, जिससे सदन में हंगामा मच गया। सभापति ने खरगे से अपना बयान वापस लेने के लिए कहा।
जब खरगे अपनी बात रख रहे थे, तब पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे और भाजपा सांसद नीरज शेखर के साथ उनकी तीखी बहस हो गई। खरगे ने कहा कि वह चंद्रशेखर की बहुत इज्जत करते हैं और उनके साथ रहे हैं।
वायरल वीडियो में क्या है?
वीडियो में देखा जा सकता है कि कोई खरगे की स्पीच में बाधा डालता है। खरगे कह रहे थे कि मोदी जी पहले कहते थे कि रुपया कमजोर हो रहा है, लेकिन आज रुपये की स्थिति क्या है, रुपया तो वेंटिलेटर पर है। जब किसी ने टोका, तो खरगे ने कहा- ‘अ ह अ’
नीरज शेखर को देखते ही खरगे ने गरजते हुए कहा, ‘तेरा बाप का भी मैं यहां साथी था। तू क्या बात करता है। तुझको देख एक मिनट। चुप चुप।’ यह कहकर उन्होंने हाथ के इशारे से बैठने को कहा।
इस पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे खरगे के ‘हजारों की संख्या’ कहने से नाराज थे। सभापति ने खरगे को टोकते हुए कहा कि यदि आप ‘हजारों लोगों’ के मरने की बात करेंगे, तो मैं आपसे अपील करूंगा कि आप अपने वक्तव्य पर ध्यान दें।
सभापति ने कहा कि आपके बोलने का महत्व है और यदि आप इस प्रकार की बातें करेंगे, तो आप किस प्रकार का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने खरगे से अपील की कि वह अपना बयान वापस लें।
खरगे ने कहा कि यदि मैं गलत हूं तो मैं माफी मांग लूंगा, लेकिन यह बताया जाना चाहिए कि कुंभ में कितने लोगों की मृत्यु हुई है। उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कई विफलताओं को सफलता के रूप में बताया गया है। केंद्र सरकार ने जितने भी वादे किए, वे सभी खोखले निकले हैं।
उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर कहा कि देश का किसान और बेरोजगार आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। बेरोजगारी ने सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है, गांव-देहात के लोगों की स्थिति बदतर हो गई है। आम जनता की समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं।
खरगे ने कहा कि यह अमृत काल है या विष काल। पिछले 10 साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है। आय दोगुनी करने का वादा पूरा नहीं हुआ। सत्ता पक्ष ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अपमान किया है। मनमोहन सिंह ने जो महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, आप नहीं कर सकते। उन्होंने जीएसटी, नोटबंदी और कोविड प्रबंधन को नाकाम बताया।
खरगे ने कहा कि हमारे देश में पढ़े-लिखे युवा बेरोजगार हैं। सरकारी नौकरियों में अभी भी 35 से 40 लाख पद खाली हैं, उन्हें क्यों नहीं भरा जाता? अनुसूचित जाति के बच्चों की भर्ती न हो, इसलिए आप इन नौकरियों पर भर्ती नहीं कर रहे हैं। अभी तक 22 करोड़ नौकरी दी जानी चाहिए थी, वह नौकरियां कहां हैं? आपने केंद्रीय बजट में किसानों को क्या दिया है? तकरीरों या डुबकी लगाने से पेट नहीं भरता।