खंडवा में नकली पुलिस गिरोह का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
पुलिस ने किया गिरोह का पर्दाफाश
500 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद गिरफ्तारी
खंडवा जिले के पदमनगर थाना पुलिस ने एक अंतरराज्यीय गिरोह का खुलासा किया है, जो नकली पुलिस बनकर लूट की घटनाओं को अंजाम देता था। इस गिरोह ने मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों में भी वारदातें की हैं।
12 नवंबर को, 65 वर्षीय हसमतराय गुरवानी ने शिकायत दर्ज कराई कि दो बाइक सवारों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर उनसे सोने की चेन और दो अंगूठियां लूट लीं। जब उन्होंने विरोध किया, तो आरोपियों ने उन पर हमला कर दिया और भाग गए। इस मामले में बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय के निर्देशन में एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने शहर और आवागमन मार्गों पर लगे 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज का विश्लेषण किया, जिससे तीन संदिग्धों की पहचान हुई।
15 दिसंबर को संदिग्धों के फुटेज अन्य जिलों में साझा किए गए। विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली कि आरोपी नर्मदापुरम जिले के ईरानी गैंग से जुड़े हैं। इस पर, पदमनगर पुलिस की टीम नर्मदापुरम गई, जहां तकनीकी साक्ष्य और मुखबिरों की मदद से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में गटरा उर्फ अप्पा हुसैन और कासिम शामिल हैं। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने साथी इकबाल हुसैन के साथ मिलकर यह वारदात की थी। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने महाराष्ट्र के नागपुर और अमरावती में भी इसी तरह की घटनाएं की हैं।
आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से खुद को पुलिसकर्मी बताकर वारदात को अंजाम दिया। वे अकेले या बुजुर्ग राहगीरों को रोककर किसी हालिया अपराध का हवाला देकर विश्वास में लेते थे। इसके बाद, वे पीड़ित से सोने के आभूषण उतरवाकर उन्हें कागज में रखने के लिए कहते थे। जैसे ही आभूषण उनके हाथ में आते, वे मोटरसाइकिल से भाग जाते।
पुलिस ने आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल भी जब्त की है। उन्हें न्यायालय में पेश किया गया है और अन्य गिरोह के सदस्यों और लूटे गए माल की बरामदगी के लिए आगे की कार्रवाई जारी है।
खंडवा पुलिस की यह कार्रवाई तकनीकी दक्षता और अंतरजिला समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिससे नागरिकों में सुरक्षा की भावना मजबूत हुई है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत डायल 112 या नजदीकी थाने में दें।
