क्रेडिट कार्ड से किराया भुगतान पर RBI के नए नियमों का प्रभाव

नई चुनौतियाँ किराया भुगतान में
नई दिल्ली: यदि आप हर महीने फोनपे, पेटीएम या क्रेड जैसी मोबाइल एप्स के माध्यम से अपने घर का किराया क्रेडिट कार्ड से चुकाते थे, तो अब आपको कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। फिनटेक कंपनियों ने अपने ऐप्स पर रेंट पेमेंट सेवाएं बंद कर दी हैं। पिछले कुछ वर्षों में क्रेडिट कार्ड से किराया चुकाने का चलन बढ़ा था, लेकिन भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में नए नियम लागू किए हैं, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया। आरबीआई ने 15 सितंबर को इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया।
नए नियमों का प्रभाव
इस बदलाव का सबसे अधिक असर उन लोगों पर पड़ेगा जो क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किराया चुकाकर पॉइंट्स कमाते थे या बिना ब्याज के पैसे का उपयोग करते थे। अब उन्हें पुराने तरीकों का सहारा लेना होगा, जैसे कि सीधे बैंक खाते में किराया ट्रांसफर करना या चेक के माध्यम से भुगतान करना।
आरबीआई के नए दिशा-निर्देश
आरबीआई के नए नियमों के अनुसार, पेमेंट एग्रीगेटर (PA) और पेमेंट गेटवे (PG) केवल उन्हीं व्यापारियों के साथ लेन-देन कर सकते हैं, जिनसे उनका सीधा अनुबंध है और जिनकी केवाईसी पूरी हो चुकी है। इसका अर्थ है कि अब कोई ऐप किसी ऐसे मकान मालिक को भुगतान नहीं कर सकती जो उसके प्लेटफॉर्म पर आधिकारिक रूप से व्यापारी के रूप में पंजीकृत नहीं है।
किराया भुगतान के लाभ
पहले लोग आसानी से क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके किराया चुकाते थे, जिससे उन्हें रिवॉर्ड पॉइंट्स या कैशबैक मिलता था और साथ ही एक महीने का क्रेडिट पीरियड भी। मकान मालिक को भी तुरंत भुगतान मिल जाता था, जिससे यह सेवा तेजी से लोकप्रिय हुई। लेकिन RBI को यह व्यवस्था ठीक नहीं लगी, क्योंकि इसमें मकान मालिकों का पूरा KYC नहीं होता था।
बैंकों की चिंताएँ
बैंकों ने भी पिछले साल से इस पर रोक लगानी शुरू कर दी थी। HDFC बैंक ने जून 2024 में क्रेडिट कार्ड से किराया चुकाने पर 1% तक का शुल्क लगा दिया था। ICICI बैंक और SBI कार्ड्स ने भी किराया भुगतानों पर रिवॉर्ड पॉइंट्स बंद कर दिए थे। मार्च 2024 से कई ऐप्स जैसे फोनपे, पेटीएम और अमेज़न पे ने यह सेवा रोक दी थी। हालांकि, कुछ ने बाद में अतिरिक्त KYC प्रक्रिया जोड़कर इसे फिर से शुरू किया।