क्यों हो रहा है VB-G RAM G पर हंगामा? जानें पूरी कहानी
VB-G RAM G पर विवाद
VB-G RAM G पर हंगामा क्यों?
शेक्सपियर के प्रसिद्ध नाटक 'रोमियो एंड जूलियट' में एक पंक्ति है - 'Whats in a Name!' यानी नाम में क्या रखा है। यदि शेक्सपियर आज होते, तो भारतीय संसद उन्हें बताती कि नाम में बहुत कुछ महत्वपूर्ण है। वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार ने महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (मनरेगा) का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा है। कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने मंगलवार को इसके नए प्रारूप और नामकरण का बिल लोकसभा में पेश किया, जिससे काफी हंगामा मच गया है। कांग्रेस का आरोप है कि मोदी सरकार गांधी जी से जुड़ी योजनाओं को खत्म कर रही है। प्रियंका गांधी इस मुद्दे पर काफी सक्रिय हैं। हालांकि, कृषि मंत्री का कहना है कि यह एक नई योजना है, क्योंकि इसे पूरी तरह से बदल दिया गया है।
नई योजना का नामकरण
केंद्र सरकार ने 'विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण (VB-G RAM G)' नाम से मनरेगा का नया नाम रखने का निर्णय लिया है। इस योजना में 125 दिनों के काम की गारंटी दी जाएगी, जबकि मनरेगा में यह 100 दिन थी। इसके अलावा, राज्यों द्वारा दी जाने वाली राशि को बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है। महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार योजना 2005 में मनमोहन सरकार द्वारा लागू की गई थी। पहले इसका नाम 'पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना' रखने का विचार था, लेकिन प्रियंका गांधी के विरोध के बाद इसे बदल दिया गया।
विपक्ष का विरोध
जब कृषि मंत्री ने इसे लोकसभा में पेश किया, तो हंगामा शुरू हो गया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मनरेगा से गांधी जी का नाम हटाने का विरोध किया। भाजपा ने तुरंत जवाब दिया कि कांग्रेस राम के नाम से चिढ़ती है। प्रियंका गांधी ने इस बिल को वापस लेने की मांग की और कहा कि गांधी जी पूरे देश के हैं, इसलिए उनका नाम मनरेगा से नहीं हटाया जाना चाहिए। कांग्रेस के शशि थरूर ने मजाक में कहा, 'राम का नाम बदनाम न करो।'
महात्मा गांधी और राम का नाम
समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने कहा कि राम को हे राम न करो। लगभग सभी विपक्षी दलों ने मनरेगा से गांधी जी का नाम हटाने का विरोध किया। कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि बजट बढ़ाया गया है और रोजगार के दिन भी बढ़ाए गए हैं। लेकिन असली विवाद महात्मा गांधी के राम राज्य की कल्पना और भाजपा के राम के नाम पर है। संसद में यह पहली बार हुआ है कि न तो राम के नाम पर विरोध हुआ और न ही गांधी जी के नाम पर।
बजट में वृद्धि
यह सच है कि इस योजना का नाम बदला गया है और बजट भी बढ़ाया गया है। अब इसका बजट 151282 करोड़ रुपये कर दिया गया है। योजना अब 125 दिनों के रोजगार की गारंटी देगी, लेकिन इसका बोझ राज्यों पर पड़ेगा। केंद्र सरकार 95692 करोड़ रुपये देगी और शेष 55590 करोड़ रुपये का खर्च राज्य सरकारें उठाएंगी। इस खर्च का सबसे अधिक प्रभाव तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश पर पड़ेगा। कांग्रेस ने इस बिल के खिलाफ अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है।
सरकार की स्थिति
इस बिल के पास होने की संभावना अधिक है, क्योंकि सरकार मजबूत स्थिति में है। हालांकि, आंध्र प्रदेश पर अधिक बोझ पड़ने को लेकर सरकार चिंतित है। राहुल गांधी की अनुपस्थिति में प्रियंका गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली है। अब देखना यह है कि मनरेगा के नाम से गांधी जी का नाम हटने और 'जी राम जी' का नाम जुड़ने का क्या असर होगा।
राम जी का नाम
यह दिलचस्प है कि इस विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण बिल में कहीं भी राम जी का नाम प्रत्यक्ष रूप से नहीं जोड़ा गया है। इस पूरे नाम को संक्षेप में 'जी राम जी' के रूप में लिखा गया है। अब भाजपा और कांग्रेस के इस विवाद से आम जनता भी परेशान है। उनकी इच्छा है कि संसद में सार्थक बहस हो, न कि निरर्थक बहस।
