क्या वाई-फाई का स्वास्थ्य पर असर पड़ता है? जानें विशेषज्ञों की राय

क्या वाई-फाई का स्वास्थ्य पर कोई असर पड़ता है? नोएडा की सरिता और उनके बेटे अक्षर के बीच वाई-फाई के उपयोग पर चर्चा होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस पर कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, लेकिन ओवरएक्सपोज़र से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है। जानें इस विषय पर और क्या कहते हैं डॉक्टर और तकनीकी विशेषज्ञ।
 | 
क्या वाई-फाई का स्वास्थ्य पर असर पड़ता है? जानें विशेषज्ञों की राय

वाई-फाई और स्वास्थ्य: एक नई चर्चा

नोएडा की निवासी सरिता और उनके बेटे अक्षर के बीच वाई-फाई को लेकर अक्सर चर्चा होती है। यह बातचीत हफ्ते में कई बार होती है।


कुछ लोग मानते हैं कि वाई-फाई का अर्थ 'वायरलेस फ़िडेलिटी' है, जबकि वाई-फाई एलायंस का कहना है कि इसका कोई पूर्ण नाम नहीं है।


सरल शब्दों में, वाई-फाई एक ऐसी तकनीक है जो हमें बिना तारों के इंटरनेट से जोड़ती है। इसके माध्यम से हम जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आपस में संवाद कर सकते हैं।


क्या वाई-फाई का स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है?क्या वाई-फाई का स्वास्थ्य पर असर पड़ता है? जानें विशेषज्ञों की राय


देर रात तक इंटरनेट का उपयोग करने से वाई-फाई अक्सर चालू रहता है। यह तकनीक कंप्यूटर और स्मार्टफोन को बिना केबल के नेटवर्क से जोड़ती है।


हालांकि, मोबाइल फोन की लत के साथ-साथ वाई-फाई भी एक नई लत बनता जा रहा है। लेकिन इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव पर चर्चा कम होती है।


अगर कोई व्यक्ति देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग कर रहा है, तो वाई-फाई राउटर भी चालू रह सकता है।


क्या वाई-फाई का चालू रहना हमारी सेहत पर असर डालता है? क्या इसे बंद करने से स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है?


इस विषय पर दिल्ली-एनसीआर की यशोदा मेडिसिटी के न्यूरो सर्जन डॉक्टर दिव्य ज्योति ने कहा कि इस पर कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।


उन्होंने कहा कि मस्तिष्क के इम्पल्स इलेक्ट्रिकल होते हैं, और वाई-फाई इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ़ील्ड पर निर्भर करता है।


हालांकि, अभी तक इस पर कोई ठोस वैज्ञानिक निष्कर्ष नहीं है।


ब्रेन इम्पल्स वे इलेक्ट्रोकेमिकल सिग्नल होते हैं, जिनसे न्यूरॉन आपस में संवाद करते हैं।


दिन और रात में वाई-फाई का प्रभाव


क्या रात में वाई-फाई से बचना चाहिए? डॉक्टर ने कहा कि रात में शरीर की गतिविधियाँ अलग होती हैं।


रात में अच्छी नींद के लिए वाई-फाई को बंद करना फायदेमंद हो सकता है।


हालांकि, मोबाइल फोन भी माइक्रोवेव पर आधारित होते हैं और ये भी रेडिएशन उत्पन्न करते हैं।


डॉक्टर ने कहा कि बैकग्राउंड रेडिएशन की तुलना में मोबाइल और वाई-फाई से निकलने वाली रेडिएशन कम होती है।


विशेषज्ञों का मानना है कि घर में विभिन्न उपकरणों से रेडिएशन निकलती है।


कुछ विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि वाई-फाई राउटर को सोने के कमरे में न रखें।


विशेषज्ञों की राय


भारत में मोबाइल फोन का इतिहास लगभग 30 साल पुराना है।


टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों का कहना है कि इस विषय पर और अध्ययन की आवश्यकता है।


विशेषज्ञों का मानना है कि ओवरएक्सपोज़र से स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।


हालांकि, अभी तक कोई ठोस प्रमाण नहीं है कि वाई-फाई का स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।