क्या मां गंगा का धरती से लुप्त होना निकट है? जानिए भविष्यवाणियों का सच

मां गंगा के धरती से लुप्त होने की भविष्यवाणियाँ चर्चा का विषय बनी हुई हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, गोमुख ग्लेशियर विलुप्त होने के कगार पर है। पुराणों में भगवान विष्णु ने नारद जी को बताया है कि जब धरती पर पाप बढ़ेंगे, तब मां गंगा स्वर्ग लौट जाएंगी। जानिए इस रहस्य के पीछे की सच्चाई और भविष्यवाणियों का क्या अर्थ है।
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क्या मां गंगा का धरती से लुप्त होना निकट है? जानिए भविष्यवाणियों का सच

मां गंगा की भविष्यवाणियाँ


मां गंगा के बारे में कई भविष्यवाणियाँ सामने आई हैं, जिनमें अध्यात्म और विज्ञान का समावेश किया गया है। इन भविष्यवाणियों के अनुसार, मां गंगा का धरती से लौटने का समय निकट आ रहा है।


वैज्ञानिकों ने गोमुख ग्लेशियर के बारे में बताया है, जो मां गंगा की धारा का स्रोत है, कि यह विलुप्त होने के कगार पर है। पुराणों के अनुसार, यह समय गंगा के स्वर्ग लौटने का है। भविष्यवाणियों के अनुसार, यह घटना गंगा के धरती से लुप्त होने का संकेत है। श्रीमद्देवीभागवत पुराण में भगवान विष्णु ने नारद जी को बताया है कि गंगा कब स्वर्ग में लौटेंगी।


गंगा का धरती से लुप्त होना

गंगा का धरती से लुप्त होना! भगवान विष्णु ने नारद जी को बताया है कि जब कलयुग के 5000 वर्ष बीत जाएंगे और धरती पर पाप बढ़ने लगेगा, तब मां गंगा भी धरतीवासियों से नाराज होकर स्वर्ग की ओर प्रस्थान करेंगी। उस समय इंसान गंगा में पाप धोने के योग्य भी नहीं रह जाएगा। इससे पहले, सरस्वती और पद्मा नदी भी कलयुग के प्रभाव में धरती से विदा ले चुकी हैं।


भगवान विष्णु की अन्य भविष्यवाणियाँ कलियुग के 5013 वर्ष पूरे हो चुके हैं और पद्मा एवं सरस्वती नदी पहले ही लुप्त हो चुकी हैं। भगवान विष्णु ने कहा है कि इन तीन देवियों के साथ वृंदावन और काशी को छोड़कर सभी तीर्थ भी पृथ्वी का त्याग कर देंगे। जब कलयुग के 10,000 वर्ष पूरे होंगे, तब शालिग्राम, शिव, शक्ति और जगन्नाथ जी भी पृथ्वी को छोड़कर अपने लोक लौट जाएंगे।