क्या भिगोए हुए बादाम कैंसर का कारण बन सकते हैं? जानें इसके फायदे और सुरक्षित सेवन के तरीके
बादाम: स्वास्थ्य के लिए लाभकारी ड्राई फ्रूट

बादाम को ड्राई फ्रूट का राजा माना जाता है और यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद है। इसमें विटामिन ई, जिंक, प्रोटीन, फाइबर और फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए लाभकारी होते हैं। नियमित रूप से बादाम का सेवन कई बीमारियों के उपचार में सहायक होता है। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है।
जो लोग वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके लिए रोजाना बादाम का सेवन भूख को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है, जिससे वजन घटाना आसान हो जाता है। मोनोअनसैचुरेटेड फैट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर ये नट्स ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में सहायक होते हैं।
सर्दियों में लोग सूखे बादाम का सेवन करना पसंद करते हैं, जबकि गर्मियों में भिगोकर खाना अधिक प्रचलित है। लेकिन क्या भिगोए हुए बादाम का सेवन कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है? सद्गुरु जग्गी वासुदेव के अनुसार, बादाम में कुछ रसायन होते हैं जो कैंसर का कारण बन सकते हैं। ये रसायन छिलके के नीचे होते हैं और जब ये पेट में पहुंचते हैं, तो कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। आइए जानते हैं कि भिगोए हुए बादाम का सेवन कैसे सुरक्षित किया जा सकता है।
क्या भिगोए हुए बादाम कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं?
जब बादाम को पानी में भिगोया जाता है, तो उसमें कई परिवर्तन होते हैं। यदि आप भिगोकर बादाम का सेवन कर रहे हैं, तो इसे छीलकर खाना आवश्यक है। ये मेवे अपनी रक्षा के लिए एक विशेष तरीका अपनाते हैं। जब बादाम को भिगोया जाता है, तो उसे लगता है कि वह अंकुरित होगा और एक बड़ा पेड़ बनेगा।
भिगोने से बादाम के अंदर मौजूद कैंसर-उत्प्रेरक रसायन सतह पर आ जाते हैं। ये रसायन छिलके के ठीक नीचे होते हैं और बादाम को कीड़ों से सुरक्षित रखते हैं।
जब बादाम को भिगोकर छिलके के साथ खाया जाता है, तो अनजाने में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का सेवन किया जा सकता है। इसलिए, हमेशा भिगोकर और फिर छीलकर बादाम का सेवन करना चाहिए।