क्या प्रेमानंद महाराज बागेश्वर धाम की पदयात्रा में शामिल होंगे?

बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा शुरू की गई 'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा' ने देशभर में सनातन धर्म प्रेमियों में उत्साह पैदा किया है। इस यात्रा में प्रेमानंद महाराज की संभावित भागीदारी को लेकर भक्तों में जिज्ञासा है। क्या वे इस महत्वपूर्ण यात्रा में शामिल होंगे? जानें इस संदर्भ में अब तक की जानकारी और दोनों संतों के बीच हुई मुलाकात के बारे में।
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क्या प्रेमानंद महाराज बागेश्वर धाम की पदयात्रा में शामिल होंगे?

सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का आगाज

क्या प्रेमानंद महाराज बागेश्वर धाम की पदयात्रा में शामिल होंगे?

क्या प्रेमानंद महाराज इस यात्रा में शामिल होंगे?

सनातन हिंदू एकता पदयात्रा: बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा आरंभ की गई इस यात्रा ने देशभर में सनातन धर्म के अनुयायियों में उत्साह का संचार किया है। यह यात्रा मंगलवार को दिल्ली से शुरू हुई है और अगले 10 दिनों तक चलेगी, जिसका समापन 16 नवंबर को वृंदावन स्थित श्री बांके बिहारी मंदिर में होगा। इस यात्रा को लेकर एक महत्वपूर्ण सवाल उठ रहा है: क्या प्रेमानंद महाराज इस यात्रा में शामिल होंगे? आइए जानते हैं इस संदर्भ में अब तक की जानकारी।


बाबा बागेश्वर और प्रेमानंद महाराज की मुलाकात

पिछले महीने, आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अचानक वृंदावन जाकर सभी को चौंका दिया था। उन्होंने श्री राधा केलिकुंज में प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज से भेंट की। यह मुलाकात आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, जिसमें बागेश्वर बाबा ने प्रेमानंद महाराज को अपनी पदयात्रा का आमंत्रण दिया। प्रेमानंद महाराज ने उनका स्वागत करते हुए आमंत्रण स्वीकार किया। दोनों संतों के बीच लगभग पंद्रह मिनट तक गहन चर्चा हुई, जिसमें सनातन धर्म की एकता और जागरूकता पर विचार-विमर्श किया गया।


प्रेमानंद महाराज की संभावित भागीदारी

‘सनातन एकता पदयात्रा’ का मुख्य उद्देश्य देशभर में सनातन संस्कृति के प्रति जागरूकता फैलाना है। प्रेमानंद महाराज, जो स्वयं सनातन धर्म के प्रचारक हैं, उनकी भागीदारी को लेकर भक्तों में उत्सुकता है। मुलाकात के दौरान, उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को आशीर्वाद देते हुए कहा था कि वह भाव रूप से इस यात्रा में शामिल रहेंगे। हालांकि, बागेश्वर धाम की ओर से यह बताया गया है कि प्रेमानंद महाराज को निमंत्रण भेजा गया है, लेकिन उनकी भागीदारी की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।


भक्तों की प्रतीक्षा

भक्त अब 16 नवंबर को वृंदावन में होने वाले समापन का इंतजार कर रहे हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि क्या प्रेमानंद महाराज इस पदयात्रा में शारीरिक रूप से शामिल होंगे या नहीं।

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