क्या दांत के डॉक्टर हेयर ट्रांसप्लांट और एस्थेटिक सर्जरी कर सकते हैं? सरकार ने दी जानकारी
संसद में उठे सवाल
सांकेतिक तस्वीर
वर्तमान में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस दौरान कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने यह प्रश्न उठाया कि क्या दांत के डॉक्टर हेयर ट्रांसप्लांट और एस्थेटिक स्किन सर्जरी करने के लिए सक्षम हैं? क्या सरकार इस मुद्दे पर DCI और NMC के बीच समन्वय स्थापित करने का कोई प्रस्ताव तैयार कर रही है?
राज्यसभा में पूछे गए इस प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जन (OMFS), जो डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (DCI) के MDS कोर्स के तहत प्रशिक्षित होते हैं, उन्हें सीमित एस्थेटिक स्किन सर्जरी प्रक्रियाओं और कुछ मामलों में हेयर ट्रांसप्लांट करने की अनुमति है.
DCI और NMC के बीच समन्वय
केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि OMFS विशेषज्ञों को उनके मान्यता प्राप्त पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम के तहत व्यापक प्रशिक्षण दिया जाता है। उनका क्षेत्र हेयर ट्रांसप्लांट (Dermatology) और सामान्य चिकित्सा से भिन्न है, इसलिए DCI और NMC के दायरे एक-दूसरे के पूरक हैं, न कि टकराव का कारण.
अनुप्रिया पटेल ने यह भी स्पष्ट किया कि क्या इस प्रकार की अनुमति से सार्वजनिक सुरक्षा या नियामक चिंताओं में वृद्धि होती है। उन्होंने बताया कि सरकार विभिन्न वैधानिक निकायों के बीच समन्वय को बढ़ावा देती है ताकि मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और संबंधित व्यवसायों की अखंडता बनी रहे.
तेलंगाना में विवाद
इससे पहले, जून में तेलंगाना में इस मुद्दे पर विवाद उत्पन्न हुआ था। तेलंगाना मेडिकल काउंसिल (TMC) ने कहा था कि डेंटिस्ट और ओरल तथा मैक्सिलोफेशियल सर्जनों के पास एस्थेटिक प्रक्रियाओं और हेयर ट्रांसप्लांट के लिए आवश्यक योग्यताएँ नहीं हैं.
हालांकि, तेलंगाना डेंटल काउंसिल (DCI) ने कहा कि उनके मानकों के अनुसार प्रशिक्षित ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जन एस्थेटिक प्रक्रियाओं और हेयर ट्रांसप्लांट के लिए पूरी तरह से योग्य हैं. काउंसिल ने लोगों को सलाह दी कि वे इस मामले में DCI या संबंधित राज्य डेंटल काउंसिल के अलावा किसी अन्य निकाय के बयानों से प्रभावित न हों.
