क्या काले प्लास्टिक के डिब्बे कैंसर का कारण बन सकते हैं? जानें विशेषज्ञों की राय

काले प्लास्टिक के डिब्बों का स्वास्थ्य पर प्रभाव
आजकल ऑनलाइन खाना मंगवाना एक सामान्य प्रथा बन गई है, जिसमें भोजन अक्सर काले प्लास्टिक के कंटेनरों में पैक किया जाता है। कई लोग इन कंटेनरों को बार-बार उपयोग में लाना पसंद करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा करना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है? हाल ही में एक ऑनलाइन वीडियो में यह दावा किया गया है कि इन डिब्बों का बार-बार इस्तेमाल गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। आइए जानते हैं कि इन कंटेनरों के पुनः उपयोग से स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।
इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में बताया गया है कि काले प्लास्टिक के कंटेनरों का बार-बार उपयोग करना, जैसे कि खाना रखने या माइक्रोवेव में गर्म करने के लिए, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
एक अध्ययन जो 'कीमोस्फीयर' नामक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, में 203 काले प्लास्टिक उत्पादों का विश्लेषण किया गया। इस अध्ययन में पाया गया कि इनमें से 85 प्रतिशत उत्पादों में जहरीले अग्निरोधक पदार्थ मौजूद थे। बीडीआर फार्मास्यूटिकल्स के तकनीकी निदेशक डॉ. अरविंद बैडिगर के अनुसार, काले प्लास्टिक के बर्तन कैंसर के खतरे का कारण बन सकते हैं, क्योंकि ये रसायन भोजन में मिल जाते हैं और समय के साथ नुकसान पहुंचाते हैं।
काले प्लास्टिक के कंटेनरों का स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ये कंटेनर कार्बन ब्लैक पिगमेंट के साथ बनाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर ने इसे कार्सिनोजेन माना है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, ये रेस्पिरेटरी समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं। गर्म भोजन रखने पर इन कंटेनरों में 'एंडोक्रिन डिस्ट्रक्टिंग' रसायन उत्पन्न होते हैं, जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं।