कोहिमा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का वार्षिक सम्मेलन शुरू

कोहिमा में आयोजित राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का 22वां वार्षिक सम्मेलन सोमवार से शुरू हो रहा है। इस सम्मेलन में पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के विधायक और प्रमुख नेता भाग लेंगे। सम्मेलन का मुख्य विषय 'नीति, प्रगति और जनता' है, जिसमें जलवायु परिवर्तन और विधानमंडलों की भूमिका पर चर्चा की जाएगी। जानें इस सम्मेलन की प्रमुख उपलब्धियों और उद्देश्यों के बारे में।
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कोहिमा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ का वार्षिक सम्मेलन शुरू

सम्मेलन का उद्घाटन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सोमवार को कोहिमा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ भारत क्षेत्र के जोन-तृतीय के 22वें वार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। इस दो दिवसीय कार्यक्रम में पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के पीठासीन अधिकारी और विधायक शामिल होंगे।


सम्मेलन में शामिल प्रमुख व्यक्ति

इस सम्मेलन में नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, और नगालैंड विधानसभा के अध्यक्ष शारिंगेन लोंगकुमेर भी उपस्थित रहेंगे।


सम्मेलन का विषय

सम्मेलन का मुख्य विषय है ‘नीति, प्रगति और जनता: विधानमंडल के रूप में परिवर्तन के उत्प्रेरक’ और उप-विषय में ‘विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में विधानमंडलों की भूमिका’ तथा ‘पूर्वोत्तर में हाल में आई जलवायु परिवर्तन से संबंधित घटनाओं’ पर चर्चा की जाएगी।


सीपीए की भूमिका

एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि सीपीए भारत क्षेत्र तृतीय ने क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने, संसदीय सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने और पूर्वोत्तर के लिए ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के तहत बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।


प्रमुख उपलब्धियाँ

इसकी प्रमुख उपलब्धियों में भारत-आसियान दृष्टिकोण में पूर्वोत्तर क्षेत्र को शामिल करना, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेज करना, व्यापारिक चौकियों का विस्तार करना और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना शामिल है।


संसदीय प्रक्रियाओं में सुधार

यह क्षेत्र संसदीय प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने और प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है, जैसे कि राष्ट्रीय ई-विधान ऐप्लीकेशन (नेवा) का कार्यान्वयन, डिजिटलीकरण कार्यक्रम और सक्रिय सार्वजनिक भागीदारी।