कोल्हापुर में माता-पिता की देखभाल को लेकर हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश

कोल्हापुर में एक बेटे द्वारा अपने माता-पिता की देखभाल को लेकर दायर याचिका पर बॉम्बे उच्च न्यायालय ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। कोर्ट ने बेटे को निर्देश दिया है कि वह अपने बीमार माता-पिता का ध्यान रखे और उन्हें किसी भी प्रकार की असुविधा न होने दे। जस्टिस जितेंद्र जैन ने इस मामले में समाज के नैतिक मूल्यों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि बच्चों की परवरिश में कमी आई है। कोर्ट ने यह भी चेतावनी दी है कि आदेश का पालन न करने पर बेटे के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
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कोल्हापुर में माता-पिता की देखभाल को लेकर हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश

कोल्हापुर में माता-पिता की देखभाल का मामला

कोल्हापुर में रहने वाले एक व्यक्ति ने अपने माता-पिता के मुंबई में चिकित्सा उपचार के लिए यात्राओं के दौरान पश्चिमी उपनगरों में अपने आवास का उपयोग न करने के लिए एक याचिका दायर की थी। बॉम्बे उच्च न्यायालय ने इस मामले में चिंता व्यक्त करते हुए याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें कि उनके माता-पिता को कोई असुविधा न हो और उनके साथ सम्मान, प्यार और देखभाल से व्यवहार किया जाए।


कोर्ट का आदेश और उसके पीछे की सोच

जस्टिस जितेंद्र जैन की एकल पीठ ने कहा कि यह एक दुखद उदाहरण है कि एक बेटा अपने बीमार और वृद्ध माता-पिता की देखभाल करने के बजाय उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे समाज के नैतिक मूल्य इस हद तक गिर गए हैं कि हम श्रवण कुमार जैसे आदर्श को भी भूल गए हैं। कोर्ट ने यह भी बताया कि आजकल बच्चों की परवरिश में गंभीर कमी आई है, जिसके कारण माता-पिता को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है।


आदेश का पालन न करने पर अवमानना की चेतावनी

कोर्ट ने यह भी कहा कि यह दुखद है कि माता-पिता कई बच्चों को पालते हैं, लेकिन कई बार बच्चे अपने माता-पिता की देखभाल नहीं कर पाते। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बेटे को अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करनी होगी। हालांकि माता-पिता कोल्हापुर में अपने तीसरे बेटे के साथ रहते हैं, लेकिन उन्हें इलाज के लिए अक्सर मुंबई आना पड़ता है। कोर्ट ने आदेश दिया कि जब भी वे मुंबई आएंगे, बेटा या उसकी पत्नी उन्हें लेने जाएंगे और इलाज के लिए साथ भी जाएंगे। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि आदेश का पालन नहीं किया गया या माता-पिता को किसी प्रकार की परेशानी हुई, तो बेटे के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।