कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन: महिलाओं में मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ा

गर्मी में ठंडी कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करना आम है, लेकिन एक नए अध्ययन ने चेतावनी दी है कि रोजाना शुगर ड्रिंक पीने से महिलाओं में मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। इस अध्ययन में 30 वर्षों तक 1.62 लाख महिलाओं की खानपान आदतों का विश्लेषण किया गया। शोधकर्ताओं का मानना है कि प्रोसेस्ड फूड्स और शुगर ड्रिंक्स शरीर में सूजन को बढ़ाते हैं, जिससे कैंसर का जोखिम बढ़ता है। जानें इस अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव।
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कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन: महिलाओं में मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ा

कोल्ड ड्रिंक्स का बढ़ता चलन और स्वास्थ्य पर प्रभाव

कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन: महिलाओं में मुंह के कैंसर का खतरा बढ़ा
Sweet trap of sugar drinks! Drinking cold drinks daily can cause oral cancer, women are at higher risk


गर्मी के मौसम में ठंडी कोल्ड ड्रिंक पीना लोगों की पसंद बन गया है। यह न केवल थकान को दूर करता है, बल्कि ताजगी भी प्रदान करता है। विशेष रूप से युवा और महिलाएं इस आदत को अपनाती हैं। लेकिन हाल ही में एक अध्ययन ने इस आदत के खतरनाक परिणामों की ओर इशारा किया है। शोध में पाया गया है कि रोजाना एक शुगर ड्रिंक का सेवन करने वाली महिलाओं में मुंह के कैंसर का खतरा लगभग 5 गुना बढ़ जाता है।


इस अध्ययन में 30 वर्षों तक 1.62 लाख से अधिक महिलाओं की खानपान की आदतों का विश्लेषण किया गया। जिन महिलाओं ने प्रतिदिन कम से कम एक मीठा पेय पिया, उनमें ओरल कैंसर का खतरा उन महिलाओं की तुलना में 4.7 गुना अधिक था, जिन्होंने महीने में एक से भी कम शुगर ड्रिंक का सेवन किया। यह जानकर हैरानी होती है कि यह खतरा उन महिलाओं में भी अधिक था, जो न तो धूम्रपान करती थीं और न ही शराब का सेवन करती थीं।


शोधकर्ताओं का मानना है कि हाल के वर्षों में उन लोगों में ओरल कैंसर के मामले बढ़े हैं, जो धूम्रपान या शराब का सेवन नहीं करते। इसका एक मुख्य कारण प्रोसेस्ड और अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का बढ़ता सेवन है, जो शरीर में लंबे समय तक सूजन को बढ़ाते हैं। शुगर ड्रिंक्स इस सूजन को और बढ़ाते हैं, जिससे कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।


पहले यह माना जाता था कि कोल्ड ड्रिंक और शुगर ड्रिंक केवल दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं या वजन बढ़ाते हैं। लेकिन यह अध्ययन दर्शाता है कि इनका प्रभाव शरीर के अन्य हिस्सों पर भी गंभीर हो सकता है, विशेष रूप से महिलाओं के लिए। हालांकि, अध्ययन में केवल महिलाओं को शामिल किया गया है और सीधा कारण-प्रभाव संबंध नहीं बताया गया है, लेकिन यह एक चेतावनी जरूर है।