कोलकाता विश्वविद्यालय में छात्र और प्रोफेसर की अनोखी शादी का मामला

कोलकाता के मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक अनोखी घटना सामने आई है, जहां एक महिला प्रोफेसर ने अपने पहले वर्ष के छात्र के साथ क्लासरूम में शादी रचाई। इस दृश्य को अन्य छात्रों ने अपने मोबाइल में कैद किया, जिससे यह वीडियो वायरल हो गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रोफेसर को छुट्टी पर भेज दिया है और इस मामले की जांच शुरू कर दी है। जानें इस घटना के पीछे की सच्चाई और विश्वविद्यालय की प्रतिक्रिया।
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कोलकाता विश्वविद्यालय में छात्र और प्रोफेसर की अनोखी शादी का मामला

शादी का दृश्य क्लासरूम में


कोलकाता/स्वराज टुडे: नदिया जिले के हरिणघाटा में मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एक मनोविज्ञान क्लासरूम में एक महिला प्रोफेसर को दुल्हन के रूप में सजते हुए देखा गया, जबकि दूल्हा एक प्रथम वर्ष का छात्र था। अन्य छात्रों ने इस दृश्य को अपने मोबाइल फोन में कैद किया, जिसमें छात्र ने प्रोफेसर को फूलों की माला पहनाई और उनकी मांग में सिंदूर भरा। यह घटना सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई है।


प्रोफेसर को छुट्टी पर भेजा गया

इस घटना के बाद यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या यह शादी असली थी या केवल दिखावा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने उस प्रोफेसर को छुट्टी पर भेज दिया है, जिनकी शादी की तस्वीरें वायरल हुई हैं। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह घटना मौलाना अबुल कलाम आजाद प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के एप्लाइड साइकोलॉजी विभाग से संबंधित है।


क्लासरूम में हुई शादी की प्रक्रिया

मंगलवार को विभागाध्यक्ष ने लाल बनारसी साड़ी पहनकर विश्वविद्यालय में प्रवेश किया। उनके हाथों में रजनीगंधा और गुलाब की माला थी। एक छात्र ने क्लासरूम में प्रोफेसर की मांग में सिंदूर भरा और दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाई। इस दौरान छात्र के कंधे पर एक शॉल था, जो प्रोफेसर की साड़ी से बंधा हुआ था, जो आमतौर पर शादी के समय होता है। अन्य छात्रों ने इस दृश्य को देखा और कुछ ने तस्वीरें और वीडियो बनाए, जो बाद में वायरल हो गए।


जांच की प्रक्रिया शुरू

विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति तापस चक्रवर्ती ने बताया कि विभागाध्यक्ष के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। उनसे कक्षा में अपने व्यवहार के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्होंने मौखिक रूप से कहा कि यह सब एक प्रोजेक्ट के लिए किया गया था। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट नहीं किया कि क्या यह सब पढ़ाई का हिस्सा था, और यदि ऐसा था, तो प्रोफेसर को छुट्टी पर क्यों भेजा गया।