कोलकाता में भारी बारिश से जनजीवन प्रभावित, दुर्गा पूजा की तैयारियों में बाधा

कोलकाता में बारिश का कहर
1 सितंबर से 22 सितंबर के बीच, कोलकाता में 178.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य 213.7 मिमी से 16 प्रतिशत कम है। कल सुबह 8.30 बजे से आज सुबह 8.30 बजे के बीच, शहर में 247.4 मिमी बारिश हुई, जिसमें अधिकांश बारिश रात के समय हुई। भारतीय मौसम विभाग के आंकड़े दुर्गा पूजा के पहले कोलकाता में हुई भारी बारिश के प्रभाव को दर्शाते हैं। इस महीने के 22 दिनों में, कोलकाता में कुछ घंटों में इतनी बारिश हुई कि कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया, जिससे यातायात, ट्रेन और मेट्रो सेवाएं बाधित हो गईं।
जनजीवन की बहाली की कोशिशें
कोलकाता में भारी बारिश के बाद बुधवार को जनजीवन को सामान्य करने की कोशिशें जारी हैं। सॉल्ट लेक और शहर के उत्तरी तथा मध्य हिस्सों में जलभराव अभी भी बना हुआ है। एक दिन पहले हुई मूसलाधार बारिश के कारण 10 लोगों की जान चली गई और सामान्य जनजीवन ठप हो गया। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना से इनकार किया है, लेकिन बादल छाए रहने और कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है।
बाढ़ से जूझते बिधाननगर के निवासी
कोलकाता और आसपास के निचले इलाकों से रात भर पानी निकाला गया, लेकिन बिधाननगर के निवासी अब भी बाढ़ से जूझ रहे हैं। वाहन धीमी गति से चल रहे हैं और पैदल यात्री जलमग्न गलियों से गुजरने को मजबूर हैं। दुर्घटनाओं से बचने के लिए बिधाननगर नगर निगम ने मंगलवार शाम को स्ट्रीट लाइट्स बंद रखीं।
मुख्यमंत्री का दौरा और प्रशासन की चुनौतियाँ
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खराब मौसम के कारण दुर्गा पूजा पंडाल के उद्घाटन के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया था। वह बुधवार को पंडालों का दौरा करने के साथ ही कालीघाट में नए अग्निशामक केंद्र का उद्घाटन कर सकती हैं। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन त्योहारों के मौसम से पहले सामान्य जनजीवन बहाल करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है।
भारी बारिश का इतिहास
सोमवार रात को हुई मूसलाधार बारिश के कारण कम से कम 10 लोगों की मौत हुई, जिनमें से नौ की मौत करंट लगने से हुई। यह बारिश लगभग चार दशकों में सबसे अधिक मानी जा रही है। इससे हवाई, रेल और सड़क परिवहन ठप हो गया, शैक्षणिक संस्थान बंद हो गए और राज्य सरकार को दुर्गा पूजा की छुट्टियां समय से पहले घोषित करनी पड़ीं। 251.4 मिलीमीटर बारिश 1986 के बाद से सबसे अधिक थी और पिछले 137 वर्षों में एक दिन में हुई छठी सबसे अधिक वर्षा थी।