कोटा में बैंक धोखाधड़ी: महिला प्रबंधक ने 4.58 करोड़ रुपये का घोटाला किया

राजस्थान के कोटा में एक महिला बैंक प्रबंधक ने 4.58 करोड़ रुपये का घोटाला किया है, जिसमें उसने 100 से अधिक खातों से पैसे निकालकर शेयर बाजार में निवेश किया। यह मामला तब उजागर हुआ जब एक ग्राहक ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट की जानकारी मांगी। जांच में पता चला कि उसने कई खातों का दुरुपयोग किया और ग्राहकों को बिना जानकारी के पैसे ट्रांसफर किए। जानें इस धोखाधड़ी के पीछे की पूरी कहानी और गिरफ्तारी के बाद की स्थिति।
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कोटा में बैंक धोखाधड़ी: महिला प्रबंधक ने 4.58 करोड़ रुपये का घोटाला किया

कोटा में बैंक धोखाधड़ी का मामला


साक्षी गुप्ता, ICICI बैंक: आमतौर पर बैंक को लोग अपनी मेहनत की कमाई सुरक्षित रखने के लिए चुनते हैं, लेकिन राजस्थान के कोटा में एक चौंकाने वाली घटना ने इस विश्वास को हिला दिया है।


एक महिला बैंक अधिकारी ने 100 से अधिक खातों से करोड़ों रुपये चुपचाप निकालकर धोखाधड़ी की।


जनता का पैसा शेयर बाजार में लगाया


यह धोखाधड़ी ICICI बैंक की श्रीराम नगर शाखा में हुई, जो कि उद्योग नगर पुलिस थाने के डीसीएम क्षेत्र में स्थित है। साक्षी गुप्ता, जो कि उस शाखा की रिलेशनशिप मैनेजर थी, पर आरोप है कि उसने लगभग ढाई साल तक ग्राहकों के खातों से पैसे निकालकर शेयर बाजार में निवेश किया। पुलिस जांच में पता चला है कि उसने 110 खातों से करीब 3 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए।


गिरफ्तारी और जेल भेजना


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उद्योग नगर थाने के एसआई इब्राहिम ने बताया कि यह घोटाला फरवरी 2024 में दर्ज रिपोर्ट के बाद उजागर हुआ। साक्षी 2020 से 2023 के बीच बैंक की इस शाखा में कार्यरत थी। उसे 31 मई 2025 को गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया।


मोबाइल नंबरों में बदलाव और ओटीपी का दुरुपयोग


पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि साक्षी ने कई खाताधारकों के मोबाइल नंबर बदलकर अपने परिचितों के नंबर दर्ज करवा दिए। इससे असली ग्राहकों को बैंक से जुड़ी कोई सूचना या ट्रांजैक्शन अलर्ट नहीं मिल पा रहा था। उसने डेबिट कार्ड, पिन और ओटीपी का दुरुपयोग कर अवैध लेनदेन किए और कई मामलों में खातों में ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी चालू कर दी।


घोटाले का खुलासा कैसे हुआ


यह मामला तब सामने आया जब एक ग्राहक ने अपनी 1.50 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट की जानकारी मांगी। जांच में पता चला कि बिना अनुमति वह राशि किसी और खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी। इसके बाद अन्य ग्राहकों के खातों की भी जांच की गई, जिसमें बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ।


वृद्धा के खाते का दुरुपयोग


कोटा पुलिस के अनुसार, साक्षी ने एक वृद्ध महिला के खाते का उपयोग 'पूल अकाउंट' के रूप में किया। इस खाते में फरवरी 2023 तक करीब ₹3.22 करोड़ ट्रांसफर किए गए। वृद्धा को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इसी खाते से साक्षी ने अन्य खातों में रकम भेजी और बाजार में निवेश किया। अधिकतर रकम शेयर बाजार में डूब गई।


31 ग्राहकों की FD समय से पहले तोड़ी गई


जांच में यह भी सामने आया है कि साक्षी गुप्ता ने 31 खाताधारकों की फिक्स्ड डिपॉजिट समय से पहले तुड़वाकर करीब ₹1.34 करोड़ की रकम अपने चुने हुए खातों में ट्रांसफर कर दी। उसने धोखे से ₹3.40 लाख का पर्सनल लोन भी लिया।