कॉकरोच का दूध: क्या यह सच में सुपरफूड है?

कॉकरोच का दूध, जिसे हाल ही में एक अध्ययन में सुपरफूड बताया गया है, गाय के दूध से तीन गुना अधिक पौष्टिक हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दूध बच्चों के लिए एक पोषक तरल है, लेकिन इंसानों के लिए अभी उपलब्ध नहीं है। जानें इसके फायदे और भविष्य में इसके संभावित उपयोग के बारे में।
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कॉकरोच का दूध: क्या यह सच में सुपरफूड है?

नई दिल्ली में कॉकरोच के दूध पर शोध

नई दिल्ली: हरी सब्जियों, प्रोटीन और वसा से भरपूर आहार को हमेशा से सुपरफूड माना जाता रहा है। लेकिन हाल ही में एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि कॉकरोच का दूध भी एक सुपरफूड हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह गाय के दूध से तीन गुना अधिक पौष्टिक है।



कॉकरोच के दूध की विशेषताएँ

वैज्ञानिकों के अनुसार, डिप्लोप्टेरा पंक्टाटा नामक कॉकरोच प्रजाति अपने बच्चों को दूध जैसा एक पोषक तरल देती है। यह पीले रंग का होता है और बच्चों के पेट में क्रिस्टल के रूप में जम जाता है। 2016 में जर्नल ऑफ द इंटरनेशनल यूनियन ऑफ क्रिस्टलोग्राफी में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया था कि इस दूध में भैंस के दूध की तुलना में तीन गुना अधिक कैलोरी होती हैं। इसे अत्यधिक पोषक और ऊर्जा से भरपूर माना गया है।


क्या इंसान इसे पी सकते हैं?

हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कॉकरोच का दूध वर्तमान में इंसानों के लिए उपलब्ध नहीं है। इसकी सबसे बड़ी चुनौती बड़े पैमाने पर उत्पादन करना है। एक रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ता इसे सुपरफूड के रूप में देख रहे हैं, लेकिन इसका सामान्य उपभोग अभी संभव नहीं है। यदि वैज्ञानिक इसे व्यावसायिक रूप से उत्पादन करने में सफल होते हैं, तो यह भविष्य में एक नई हेल्दी डाइट के रूप में उभर सकता है। हालांकि, इसका स्वाद और इसे अपनाने की प्रक्रिया लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है।