कैंसर से बचाव: जीवनशैली में बदलाव से संभव है उपचार

कैंसर की रोकथाम और जागरूकता
हर साल 4 फरवरी को 'वर्ल्ड कैंसर डे' मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाना है। इस दिन लोगों को बताया जाता है कि वे कैसे कैंसर से बच सकते हैं, इसके प्रारंभिक लक्षण क्या होते हैं, और जीवनशैली में कौन से बदलाव इसे जन्म दे सकते हैं। इस विषय पर सीके बिड़ला अस्पताल की डॉ. पूजा बब्बर से बातचीत की गई।
वर्ल्ड कैंसर डे का इतिहास
डॉ. बब्बर ने बताया कि वर्ल्ड कैंसर डे की शुरुआत 2000 में एक अंतरराष्ट्रीय संगठन 'यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल' द्वारा की गई थी। यह संगठन कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक करता है और उन्हें इस बीमारी से बचने के उपाय बताता है। पेरिस में पहली बार इस दिन को मनाने की पहल की गई थी।
कैंसर के प्रकार
कैंसर को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। इनमें कार्सिनोमा, जो आमतौर पर ठोस अंगों में होता है, और सारकोमा, जो सॉफ्ट टिश्यू में होता है, शामिल हैं। इसके अलावा, ब्लड कैंसर जिसे ल्यूकेमिया कहा जाता है, भी एक प्रकार है।
कैंसर की परिभाषा
कैंसर को समझने के लिए यह जानना आवश्यक है कि कोशिकाएं अपनी निर्धारित गति से बढ़ती हैं। जब ये किसी कारणवश तेजी से बढ़ने लगती हैं, तो इसे कैंसर कहा जाता है।
कैंसर के स्टेज
कैंसर के चार मुख्य स्टेज होते हैं, लेकिन अब जीरो और पांचवें स्टेज का भी उल्लेख किया जाता है। जीरो स्टेज में कैंसर की शुरुआत होती है, जबकि स्टेज वन में कैंसर अपने सामान्य रूप में होता है। स्टेज टू में गांठ बढ़ने लगती है, और स्टेज फोर में यह फैलने लगती है, जो सबसे खतरनाक माना जाता है।
कैंसर के कारण
डॉ. बब्बर ने बताया कि पिछले 40-50 वर्षों में कैंसर के मामलों में वृद्धि का मुख्य कारण जीवनशैली में बदलाव है। खानपान और पर्यावरण में बदलाव कैंसर के प्रमुख कारण बन रहे हैं। इसलिए, प्रदूषण से बचना और मादक पदार्थों का सेवन न करना आवश्यक है।