केशव प्रसाद मौर्य की भाजपा अध्यक्ष बनने की संभावनाएं बढ़ीं

उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए केशव प्रसाद मौर्य का नाम फिर से चर्चा में है। हाल ही में अमित शाह के साथ उनकी बैठक ने इस संभावना को और मजबूत किया है। मौर्य, जो ओबीसी समुदाय के प्रमुख नेता हैं, भाजपा के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। उनकी वापसी से पार्टी को 2027 के विधानसभा चुनावों में लाभ मिल सकता है। जानें इस सियासी समीकरण के पीछे की पूरी कहानी।
 | 
केशव प्रसाद मौर्य की भाजपा अध्यक्ष बनने की संभावनाएं बढ़ीं

भाजपा अध्यक्ष पद के लिए केशव प्रसाद मौर्य का नाम चर्चा में

उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का नाम फिर से सामने आया है। हाल ही में, मौर्य ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह भूपेन्द्र चौधरी की जगह ले सकते हैं। भूपेन्द्र चौधरी का कार्यकाल अब समाप्त हो चुका है।


अमित शाह और मौर्य की बैठक का महत्व

अमित शाह और केशव प्रसाद मौर्य के बीच हुई बैठक में 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा और पंचायत चुनावों पर चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने चुनावी रणनीतियों और संगठनात्मक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया। इस दौरान संभावित मंत्रिमंडल पुनर्गठन पर भी चर्चा हुई, जो अमित शाह के मौर्य पर बढ़ते विश्वास को दर्शाता है।


मौर्य का अमित शाह के प्रति सम्मान

पिछले महीने लखनऊ में एक कार्यक्रम में अमित शाह ने केशव प्रसाद मौर्य को 'मेरे मित्र' कहकर संबोधित किया था। मौर्य ने कहा कि अमित शाह उनके लिए गुरु के समान हैं और उन्होंने उनके मार्गदर्शन में राजनीति सीखी है।


ओबीसी समुदाय में मौर्य की स्थिति

केशव प्रसाद मौर्य ओबीसी समुदाय के प्रमुख नेता हैं। उनकी वापसी से भाजपा को उत्तर प्रदेश में गैर-यादव ओबीसी मतदाताओं के बीच अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिल सकती है। 2017 के विधानसभा चुनाव में मौर्य के नेतृत्व में भाजपा ने शानदार सफलता हासिल की थी।


भाजपा की रणनीति में मौर्य की भूमिका

यदि मौर्य को फिर से पार्टी की कमान सौंपी जाती है, तो यह भाजपा के लिए ओबीसी मतदाताओं के बीच अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने का एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उनके पास संगठनात्मक अनुभव और नेतृत्व की महत्वाकांक्षा है, जो उन्हें पार्टी के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनाती है।