केरल में पैरोडी गीत पर विवाद: विपक्ष के नेता ने मेटा को लिखा पत्र

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशान ने मेटा को पत्र लिखकर पुलिस के उस आदेश का विरोध किया है, जिसमें पैरोडी गीत 'पोट्टिये केट्टिये' के लिंक हटाने का अनुरोध किया गया था। उन्होंने इसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कहा कि बिना अदालत के आदेश के ऐसा करना गलत है। सतीशान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि पैरोडी और व्यंग्य जैसे कलात्मक अभिव्यक्तियों पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही लगाया जाना चाहिए।
 | 
केरल में पैरोडी गीत पर विवाद: विपक्ष के नेता ने मेटा को लिखा पत्र

पैरोडी गीत के खिलाफ पुलिस के निर्देशों का विरोध

केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशान ने शुक्रवार को मेटा को एक पत्र भेजकर पुलिस के उस आदेश का विरोध किया, जिसमें सोशल मीडिया से पैरोडी गीत 'पोट्टिये केट्टिये' के लिंक हटाने का अनुरोध किया गया था। सतीशान ने पत्र में स्पष्ट किया कि बिना अदालत के आदेश के गीत को हटाना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।


उन्होंने कहा कि केरल राज्य पुलिस ने मेटा सहित विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से संपर्क किया है और 'पोट्टिये केट्टिये' नामक गीत के लिंक हटाने का अनुरोध किया है, जो सबरीमाला मंदिर में कथित सोने की चोरी से संबंधित है।


अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुद्दा

सतीशान ने बताया कि तिरुवनंतपुरम साइबर पुलिस ने इस पैरोडी गीत के निर्माण और प्रसार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि इस समय ऐसा कोई न्यायिक आदेश नहीं है जो इस सामग्री को हटाने का निर्देश देता हो, और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते हैं।


पत्र में उन्होंने उल्लेख किया कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने हमेशा यह माना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को तब तक सीमित नहीं किया जा सकता जब तक कि कानून का स्पष्ट उल्लंघन साबित न हो।


पैरोडी और व्यंग्य की सुरक्षा

सतीशान ने तर्क किया कि पैरोडी और व्यंग्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संरक्षित रूप हैं, और किसी भी प्रकार के प्रतिबंध को कानूनी और न्यायिक रूप से स्वीकृत साधनों के माध्यम से लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक समाज में अभिव्यक्ति पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए ही लगाया जाना चाहिए।