केरल में जंगली हाथी को भगाने के लिए कुमकी हाथियों की तैनाती

केरल के त्रिशूर जिले में एक जंगली हाथी के उत्पात से स्थानीय निवासियों में दहशत फैल गई है। वन विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए दो कुमकी हाथियों को तैनात किया है। पिछले कुछ हफ्तों में हाथी ने कई बार आवासीय क्षेत्रों में घुसपैठ की है, जिससे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। वन मंत्री ने अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। जानें इस स्थिति के बारे में और क्या उपाय किए जा रहे हैं।
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केरल में जंगली हाथी को भगाने के लिए कुमकी हाथियों की तैनाती

जंगली हाथी के उत्पात से त्रिशूर में दहशत

केरल के वन विभाग ने त्रिशूर जिले के कुथिरन क्षेत्र में उत्पात मचा रहे एक जंगली हाथी को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को दो कुमकी हाथियों को तैनात किया।


पिछले दो हफ्तों से यह जंगली हाथी इरुम्पुपलम इलाके में बार-बार आ रहा है, जिससे स्थानीय निवासियों में भय का माहौल बन गया है।


एक सप्ताह पहले, जंगली हाथी को भगाने के प्रयास में एक वन अधिकारी घायल हो गया था और विभाग का एक वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया था।


वन मंत्री ए. के. शशिंद्रन ने हाल ही में क्षेत्र का दौरा किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।


वन अधिकारियों के अनुसार, हाथी बुधवार और बृहस्पतिवार की रात को आवासीय क्षेत्रों में घुस आया था।


उसे जंगल में वापस भेजने के लिए दो प्रशिक्षित कुमकी हाथियों, भरत और विक्रम, को शुक्रवार को वायनाड स्थित उनके शिविर से लाया गया।


कुमकी हाथियों का उपयोग जंगली हाथियों को पकड़ने, शांत करने और उन्हें झुंड में लाने के लिए किया जाता है, या संघर्ष की स्थिति में उन्हें दूर ले जाने के लिए किया जाता है।