केरल में एलडीएफ के भीतर बढ़ती दरार, सीपीआई मंत्रियों ने बैठक का किया बहिष्कार
केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के भीतर दरार बढ़ती जा रही है, जब सीपीआई के मंत्रियों ने राज्य कैबिनेट की बैठक का बहिष्कार करने की धमकी दी। यह संकट तब उत्पन्न हुआ जब सरकार ने पीएम श्री योजना पर बिना पूर्व परामर्श के हस्ताक्षर कर दिए। सीपीआई ने इस योजना से हटने की मांग की है, जिससे राजनीतिक स्थिति और भी जटिल हो गई है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तनाव कम करने के लिए बैठक बुलाई, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी।
| Oct 29, 2025, 14:13 IST
केरल में राजनीतिक संकट गहराया
केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के भीतर तनाव बढ़ गया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के मंत्रियों ने बुधवार को राज्य कैबिनेट की बैठक का बहिष्कार करने की चेतावनी दी, क्योंकि सरकार ने केंद्र की पीएम श्री योजना पर बिना पूर्व परामर्श के हस्ताक्षर कर दिए थे। सीपीआई के चार मंत्री कैबिनेट में शामिल हैं, और उनके बैठक में न आने के कारण सरकार को सत्र को शाम तक स्थगित करना पड़ा। यह स्थिति एलडीएफ के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है, खासकर जब स्थानीय निकाय चुनाव नजदीक हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने तनाव को कम करने के लिए अलप्पुझा में सीपीआई के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम और सीपीआई के मंत्रियों के साथ एक बैठक आयोजित की, लेकिन बातचीत से कोई समाधान नहीं निकला।
सीपीआई की मांग और सरकार की प्रतिक्रिया
सीपीआई ने इस योजना से हटने की मांग की है, यह कहते हुए कि यह केरल की शिक्षा नीति को संघ परिवार के संगठनों की शिक्षा नीति के अनुरूप बना रही है। यह संकट तब उत्पन्न हुआ जब मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही पीएम श्री योजना पर हस्ताक्षर कर दिए। नुकसान की भरपाई के लिए, राज्य सरकार ने अब इस योजना के कार्यान्वयन पर अस्थायी रूप से रोक लगाने और केंद्र को इसकी सूचना देने का निर्णय लिया है। माकपा ने अपने सहयोगी दल को यह भी आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे की समीक्षा के लिए एक कैबिनेट उपसमिति का गठन किया जाएगा।
