केरल में आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए टीकाकरण अभियान शुरू
केरल में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने एक महीने का टीकाकरण अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, इच्छामृत्यु प्रावधान को लागू किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करना और पशु जन्म नियंत्रण केंद्रों के संचालन में बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना है। जानें इस योजना के बारे में और क्या कदम उठाए जाएंगे।
Jul 18, 2025, 19:43 IST
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टीकाकरण अभियान की शुरुआत
केरल में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए, राज्य सरकार अगस्त से एक महीने का टीकाकरण अभियान शुरू करने जा रही है। यह पहल स्थानीय स्वशासन और पशुपालन विभागों के सहयोग से की जाएगी। यह निर्णय स्थानीय स्वशासन मंत्री एमबी राजेश और पशुपालन मंत्री जे चिंचुरानी की उपस्थिति में हुई एक बैठक में लिया गया। पालतू कुत्तों के लिए टीकाकरण अभियान सितंबर में प्रारंभ होगा। इसके तहत, सरकार पालतू कुत्तों के लिए लाइसेंस लेना भी अनिवार्य करेगी।
इच्छामृत्यु प्रावधान का कार्यान्वयन
राज्य ने पशु क्रूरता निवारण (पशुपालन व्यवहार और प्रक्रिया) नियम, 2023 के तहत इच्छामृत्यु के प्रावधान को लागू करने का निर्णय भी लिया है। मंत्री एमबी राजेश ने बताया कि नियमों की धारा 8 इच्छामृत्यु से संबंधित है और सरकार इस प्रावधान के अनुसार कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने में एक बड़ी चुनौती पशु जन्म नियंत्रण केंद्रों के प्रति जनता का प्रतिरोध है। इस समस्या का समाधान करने के लिए, बैठक में यह तय किया गया कि इन केंद्रों के संचालन में बाधा डालने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे।
पशु जन्म नियंत्रण इकाइयों की स्थापना
इसके अतिरिक्त, सरकार राज्य भर में ब्लॉक स्तर पर 152 पोर्टेबल पशु जन्म नियंत्रण इकाइयाँ स्थापित करने की योजना बना रही है। प्रत्येक इकाई को 28 लाख रुपये का वित्तीय आवंटन प्राप्त होगा।