केरल में SIR प्रक्रिया: 30 लाख वोटर्स के लिए चिंता का विषय

केरल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे लगभग 30 लाख एनआरआई वोटर्स चिंतित हैं। चुनाव आयोग ने इसे देशभर में लागू करने का निर्णय लिया है, जबकि राज्य में कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सभी दलों ने कानूनी चुनौती देने पर सहमति जताई। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की वजह और एनआरआई समुदाय की चिंताएं।
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केरल में SIR प्रक्रिया: 30 लाख वोटर्स के लिए चिंता का विषय

SIR प्रक्रिया का आगाज

केरल में SIR प्रक्रिया: 30 लाख वोटर्स के लिए चिंता का विषय

केरल में भी शुरू हो गई SIR प्रक्रिया

बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के सफल समापन के बाद, चुनाव आयोग ने इसे देशभर में लागू करने का निर्णय लिया है। इस क्रम में, केरल में SIR की गणना मंगलवार से प्रारंभ हो चुकी है। हालांकि, इस राज्य की कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है, जिससे घुसपैठियों या अवैध वोटरों की संभावना कम है, फिर भी लगभग 30 लाख मतदाता इस बात से चिंतित हैं कि उनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं।

केरल में अनुमानित 30 लाख एनआरआई हैं, जिनमें से कई परिवार विदेश में स्थायी रूप से बस गए हैं और उनके घर केरल में बंद पड़े हैं। इस कारण, उन्हें यह चिंता है कि उनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं।


12 राज्यों में SIR का कार्यान्वयन

12 राज्यों में कराई जा रही SIR

हाल ही में चुनाव आयोग ने देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR कराने की घोषणा की, जिनमें केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी शामिल हैं।


सर्वदलीय बैठक का आयोजन

केरल में SIR पर सर्वदलीय बैठक

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बुधवार (5 नवंबर) को तिरुवनंतपुरम में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें SIR के मुद्दे पर चर्चा की गई। इस बैठक में सभी दलों ने चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट में संशोधन को कानूनी चुनौती देने पर सहमति व्यक्त की, सिवाय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के।


एनआरआई समुदाय की चिंताएं

चुनाव अधिकारी भी एनआरआई समुदाय की चिंताओं को समझते हैं। विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों को यह आशंका है कि उनके नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाएंगे। इस समस्या को हल करने के लिए, राज्य के चुनाव अधिकारी एक अभियान चला रहे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी रतन यू केलकर ने बताया कि विदेश में रहने वाले भारतीय नागरिक ऑनलाइन फॉर्म जमा कर सकते हैं।


SIR प्रक्रिया की आवश्यकता

निकाय चुनाव से पहले SIR क्यों

सितंबर में, केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से SIR के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था। इसके अलावा, हाल ही में आयोजित सर्वदलीय बैठक में सीपीआई-एम और कांग्रेस ने SIR के खिलाफ कड़ा विरोध जताया। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि केरल में SIR की आवश्यकता और भी बढ़ गई है, क्योंकि राज्य में जारी किए गए आधार कार्डों की संख्या कुल जनसंख्या से 49 लाख अधिक है।