केरल के सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी का विवाद गहराया

केरल के सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी का विवाद गहराता जा रहा है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में नए खुलासे किए हैं, जिसमें प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी की संलिप्तता शामिल है। अदालत ने कहा है कि मूर्तियों पर लगे सोने के आवरण को बेचा गया हो सकता है। इस विवाद ने राजनीतिक मोड़ भी लिया है, जहां विपक्षी दलों ने मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और इसके पीछे की राजनीति।
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केरल के सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी का विवाद गहराया

सोने की चोरी का मामला

केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सोने की चोरी के विवाद ने मंगलवार को एक नया मोड़ लिया, जब प्रायोजक उन्नीकृष्णन पोट्टी की संलिप्तता के बारे में नए तथ्य सामने आए। देवस्वम बोर्ड के सतर्कता विभाग की रिपोर्ट के आधार पर, केरल उच्च न्यायालय ने कहा कि यह "स्पष्ट और गंभीर संभावना" है कि मंदिर में द्वारपालक की मूर्तियों पर लगे असली सोने के आवरण को बेचा गया और उससे प्राप्त धन का दुरुपयोग किया गया। अदालत ने यह भी बताया कि उन्नीकृष्णन पोट्टी ने 2019 में द्वारपालक की मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ाने का कार्य प्रायोजित किया था।


अदालत ने यह भी कहा कि असली सोने की परत वाली मूर्तियों को किसी इच्छुक खरीदार को अच्छी कीमत पर बेचा जा सकता है, और इस धन का दुरुपयोग धोखाधड़ी में शामिल व्यक्तियों द्वारा किया गया हो सकता है।


9 दिसंबर 2019 को, उन्नीकृष्णन ने देवस्वम बोर्ड के अध्यक्ष को एक ईमेल भेजा, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें सौंपा गया कार्य पूरा करने के बाद कुछ अतिरिक्त सोना बचा है, जिसे वे बोर्ड की अनुमति से एक गरीब लड़की की शादी में उपहार के रूप में दान करना चाहते हैं। इससे पहले, सितंबर 2019 में, पॉलिशिंग का कार्य पूरा करने के बाद, उन्होंने सोने की परत लौटा दी थी। हालांकि, मार्च 2020 में, सबरीमाला प्रशासनिक अधिकारी ने कार्यकारी अधिकारी को पत्र लिखकर चिंता व्यक्त की कि सोने की पॉलिश केवल छह महीनों में ही काफी फीकी पड़ गई है।


राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस विवाद ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) ने मंगलवार को केरल विधानसभा में अपना विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया। लगातार दूसरे दिन, विपक्षी सदस्यों ने कथित अनियमितताओं के चलते देवस्वम मंत्री वीएन वासवन के इस्तीफे की मांग करते हुए कार्यवाही बाधित की। प्रश्नकाल शुरू होते ही विपक्षी विधायकों ने विधानसभा के अंदर नारे लगाए और तख्तियां लहराईं। विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने मंत्री के इस्तीफे की यूडीएफ की मांग को दोहराया और सरकार पर आरोप लगाया कि वह स्वर्ण विसंगतियों के लिए जिम्मेदार लोगों को बचा रही है।