केरल के मुख्यमंत्री ने ‘द केरल स्टोरी’ को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की आलोचना की

मुख्यमंत्री का कड़ा विरोध
केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने शुक्रवार को सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार देने के निर्णय की कड़ी निंदा की। उन्होंने निर्णायक मंडल पर भारतीय सिनेमा की समृद्ध परंपरा के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।
विपक्ष के नेता की प्रतिक्रिया
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने भी इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार देने के फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का उपयोग अपने घृणा अभियान के तहत कर रही है।
फिल्म का विवादास्पद विषय
फिल्म निर्माता सुदीप्तो सेन ने अपनी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार प्राप्त किया। इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी का पुरस्कार भी जीता है। यह फिल्म केरल में महिलाओं के जबरन धर्मांतरण और आतंकवादी समूह ‘इस्लामिक स्टेट’ द्वारा भर्ती किए जाने के विषय को लेकर विवादों में रही है।
विजयन का बयान
विजयन ने एक बयान में कहा, 'हम इस निर्णय के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराते हैं। हर केरलवासी और देशभर में लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी लोगों को इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। हमें उस राजनीति के खिलाफ एकजुट होना चाहिए जो कला को सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने के लिए हथियार बनाना चाहती है।'
मलयालम सिनेमा की उपलब्धियों की सराहना
हालांकि, उन्होंने 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा के समय मलयालम सिनेमा की उपलब्धियों की प्रशंसा की और इसे 'उल्लेखनीय सफलता' बताया। विजयन ने कहा, 'यह पल और भी खास हो गया जब उर्वशी और विजयराघवन ने क्रमशः सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री और सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का पुरस्कार जीता। इनकी असाधारण प्रतिभा ने मलयालम सिनेमा को समृद्ध किया है। ये सम्मान मलयालम सिनेमा को और भी उत्कृष्ट फिल्मों के साथ नई ऊंचाइयों को छूने के लिए प्रेरित करेगा।'
सतीसन की टिप्पणी
सतीसन ने अपने बयान में कहा कि फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को केवल धार्मिक घृणा फैलाने के उद्देश्य से पुरस्कार दिया गया है। उन्होंने इसे 'अस्वीकृत' बताया।