केरल के मुख्यमंत्री ने सांप्रदायिकता के खिलाफ चेताया

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हाल ही में सांप्रदायिकता फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ चेतावनी दी है। उन्होंने श्री नारायण गुरु की 171वीं जयंती पर उनके विचारों को याद करते हुए कहा कि जाति और धर्म से ऊपर उठने का संदेश आज भी प्रासंगिक है। विजयन ने बताया कि कुछ लोग गुरु की विरासत को अपने नाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह संदेश समाज में एकता और मानवता को बढ़ावा देने का है।
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केरल के मुख्यमंत्री ने सांप्रदायिकता के खिलाफ चेताया

सांप्रदायिकता के खिलाफ मुख्यमंत्री का संदेश

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने रविवार को चेतावनी दी कि कुछ स्वार्थी तत्व जानबूझकर समाज में सांप्रदायिकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।


उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'कुछ लोग यह प्रचारित कर रहे हैं कि जाति मानवता से अधिक महत्वपूर्ण है, और केरल जैसे राज्य में भी ऐसे विचारों का प्रसार हो रहा है, जबकि इस राज्य ने एक समय धर्म और जाति के कारण फैले अंधविश्वास और कुप्रथाओं को समाप्त कर दिया था।'


विजयन ने यह टिप्पणी 20वीं सदी के संत और समाज सुधारक श्री नारायण गुरु की 171वीं जयंती के अवसर पर की। मुख्यमंत्री ने फेसबुक पर गुरु को एक महान सुधारक के रूप में याद किया, जिन्होंने लोगों को ज्ञान के माध्यम से एकजुट होने और जाति-धर्म से ऊपर उठने का संदेश दिया।


उन्होंने कहा कि आजकल सांप्रदायिक ताकतें नारायण गुरु की विरासत को अपने नाम करने का प्रयास कर रही हैं। वामपंथी नेता ने गुरु को ऐसे सुधारक के रूप में याद किया, जिन्होंने उच्च जाति के वर्चस्व और सामाजिक बुराइयों पर खुलकर सवाल उठाए और जाति के आधार पर होने वाले अत्याचारों तथा आर्थिक शोषण के खिलाफ दृढ़ता से विरोध किया।


मुख्यमंत्री ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'श्री नारायण गुरु की जयंती पर, हम महान सुधारक को याद कर रहे हैं, जिन्होंने हमें एकता और जाति-धर्म से ऊपर उठने का संदेश दिया। मानवता को एक मानने का उनका दृष्टिकोण आज भी केरल के पुनर्जागरण को प्रेरित करता है और हमें विभाजनकारी ताकतों से लड़ने की प्रेरणा देता है।'