केरल उच्च न्यायालय ने विधायक राहुल ममकूटाथिल की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

केरल उच्च न्यायालय ने विधायक राहुल ममकूटाथिल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है, जो बलात्कार के मामले में फरार चल रहे हैं। न्यायालय ने उनकी अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई की और मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को निर्धारित की है। विधायक के खिलाफ यौन उत्पीड़न और जबरन गर्भपात के आरोप हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कानूनी धाराएँ।
 | 
केरल उच्च न्यायालय ने विधायक राहुल ममकूटाथिल की गिरफ्तारी पर रोक लगाई

विधायक की गिरफ्तारी पर रोक

केरल उच्च न्यायालय ने पलक्कड़ के विधायक राहुल ममकूटाथिल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। विधायक बलात्कार के मामले में फरार चल रहे हैं। न्यायमूर्ति के. बाबू की पीठ ने उनकी अग्रिम ज़मानत याचिका पर सुनवाई की और विस्तृत दलीलें सुनने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी। तिरुवनंतपुरम के मुख्य सत्र न्यायालय ने पहले उनकी अग्रिम ज़मानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया। इस बीच, विधायक लगातार दसवें दिन भी फरार हैं।


बलात्कार के आरोप

तिरुवनंतपुरम के मुख्य सत्र न्यायालय ने ममकूटाथिल की अग्रिम ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया है। पुलिस ने एक महिला की शिकायत के आधार पर विधायक के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसमें यौन उत्पीड़न, शादी का झांसा देकर बलात्कार और जबरन गर्भपात कराने के आरोप शामिल हैं। प्रारंभ में नेदुमनगड वलियामाला पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई एफआईआर को बाद में नेमोम पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित किया गया, क्योंकि कथित घटनाएँ वहां हुई थीं।


कानूनी धाराएँ

यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की आठ गैर-जमानती धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। इसमें बलात्कार के लिए धारा 64, एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार के लिए धारा 64(2), विश्वासपात्र व्यक्ति द्वारा बलात्कार के लिए धारा 64(एफ), गर्भवती महिला के साथ बलात्कार के लिए धारा 64(एच) और अन्य धाराएँ शामिल हैं। इसके अलावा, महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराने के लिए बीएनएस की धारा 89 और आपराधिक विश्वासघात के लिए बीएनएस 316 भी शामिल हैं।