केरल उच्च न्यायालय ने भारत माता के चित्र पर उठाए सवाल

केरल उच्च न्यायालय का महत्वपूर्ण सवाल
केरल उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केरल विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से यह जानना चाहा कि 'भारत माता' को धार्मिक प्रतीक कैसे माना जा सकता है और इसके चित्र को लगाने से कानून व्यवस्था में क्या समस्या उत्पन्न हो सकती है। रजिस्ट्रार को हाल ही में निलंबित किया गया था।
न्यायमूर्ति एन नागरेश ने रजिस्ट्रार के एस अनिल कुमार से उनकी निलंबन चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई के दौरान ये सवाल पूछे। केरल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मोहनन कुन्नुमल ने दो जुलाई को कुमार को एक निजी कार्यक्रम को रद्द करने के आरोप में निलंबित किया था।
इस कार्यक्रम में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने सीनेट हॉल में भाग लिया था, जहां भगवा ध्वज के साथ भारत माता का चित्र प्रदर्शित किया गया था। अदालत ने कुमार के निलंबन पर रोक लगाने की अंतरिम याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता से पूछा कि भारत माता को धार्मिक प्रतीक कैसे माना जा सकता है और इसके प्रदर्शन से केरल में कानून व्यवस्था को क्या खतरा था?
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि चित्र के प्रदर्शन को लेकर माकपा और भाजपा की छात्र शाखाओं - स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच झड़प हुई थी।