केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 04 अगस्त को गुना, शिवपुरी और अशोकनगर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने राहत कार्यों की समीक्षा की और प्रभावित नागरिकों से संवाद स्थापित किया। सिंधिया ने स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए कि राहत कार्यों में कोई देरी न हो और सभी आवश्यक संसाधनों का उपयोग किया जाए। उन्होंने स्थानीय प्रतिनिधियों से भी अपील की कि वे राहत कार्यों में सक्रिय भाग लें।
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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण

गुना, शिवपुरी, अशोकनगर और ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 04 अगस्त को दिल्ली से भोपाल की यात्रा की, जहां से वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ गुना, शिवपुरी और अशोकनगर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। सिंधिया पहले से ही क्षेत्र की स्थिति पर ध्यान दे रहे हैं ताकि राहत कार्यों में समन्वय और तेजी लाई जा सके। इस दौरे के दौरान, वे इन जिलों में बाढ़ के कारण उत्पन्न हालात का प्रत्यक्ष अवलोकन करेंगे, राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करेंगे और प्रभावित नागरिकों से बातचीत करेंगे।




यह दौरा केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने का संकल्प दोहराया जाएगा। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री दोनों ही संबंधित जिला प्रशासन से जमीनी हालात की जानकारी लेंगे और आवश्यक निर्देश देंगे।


राहत कार्यों में तेजी लाने के निर्देश

गुना संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिले अत्यधिक वर्षा के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने पहले ही क्षेत्रीय प्रशासन को निर्देश दिए थे कि राहत कार्यों में कोई देरी या लापरवाही न हो। उन्होंने अधिकारियों को सुरक्षा, भोजन, स्वच्छ पेयजल और चिकित्सा सुविधाओं की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। सिंधिया ने यह भी स्पष्ट किया था कि हेलीकॉप्टर, नाव या अन्य आवश्यक संसाधनों का तत्काल उपयोग किया जाए और कोई भी प्रभावित नागरिक राहत से वंचित न रहे।




स्थानीय प्रतिनिधियों की भागीदारी का आह्वान

बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए श्री सिंधिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय से समन्वय स्थापित किया था। इसके साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लगातार संपर्क में रहकर समन्वय सुनिश्चित किया। उन्होंने स्थानीय विधायकों, पंचायत प्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों से अपील की थी कि वे संवेदनशीलता और समर्पण के साथ राहत कार्यों में भाग लें।