केंद्रीय कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते पर संसद में उठे सवाल

केंद्रीय कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते को लेकर संसद में सांसद आनंद ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्या 18 महीने से रोके गए महंगाई भत्ते को जारी किया जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह राशि नहीं दी जाएगी, citing financial constraints during the pandemic. जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और कर्मचारियों की मांगों का क्या हुआ।
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कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते पर चर्चा

केंद्रीय कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते पर संसद में उठे सवाल
केंद्रीय कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते पर सवाल: लोकसभा सांसद आनंद ने 3 फरवरी को संसद में केंद्रीय कर्मचारियों के बकाया महंगाई भत्ते (DA) के संबंध में प्रश्न उठाया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोविड-19 के दौरान सरकार ने कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते को रोक दिया था, जिससे सरकारी खजाने में 34 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई थी।


सांसद के सवाल:


सांसद ने स्पष्ट रूप से पूछा कि क्या सरकार 18 महीने तक रोके गए महंगाई भत्ते को अब जारी करेगी। उन्होंने यह भी जानना चाहा कि इसके पीछे के कारण क्या हैं। इसके अलावा, उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि क्या यह कदम देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगा।


वित्त मंत्रालय को ज्ञापन:
कर्मचारी संगठनों ने सरकार से बकाया महंगाई भत्ते की मांग की है। उन्होंने 34,402 करोड़ रुपये की राशि लौटाने का आग्रह किया है। वित्त मंत्रालय को भी इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है।
सरकार का स्पष्ट जवाब:
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों को 18 महीने के बकाया महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया जाएगा। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में कहा कि यह राशि नहीं दी जाएगी।


महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं होगा:
मंत्री ने बताया कि कोविड-19 के दौरान वित्तीय संकट के कारण सरकार ने कल्याणकारी उपायों के लिए धन खर्च किया था, जिससे राजकोषीय स्थिति प्रभावित हुई। इसलिए महंगाई भत्ते का भुगतान संभव नहीं है।


आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए निर्णय:
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने 01-01-2020, 01-07-2020 और 01-01-2021 से देय महंगाई भत्ते को रोकने का निर्णय लिया था। यह निर्णय आर्थिक दबाव को कम करने के लिए लिया गया था।


बजट में घोषणा की उम्मीद:
कर्मचारी संगठनों ने बकाया राशि लौटाने की मांग की है, लेकिन सरकार ने इस पर कोई आश्वासन नहीं दिया है। बजट में भी इस संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई।


केंद्र सरकार से पहले भी मांगी गई थी राशि:


संसद में पहले भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन सरकार ने हर बार महंगाई भत्ते के भुगतान को अव्यवहारिक बताया है।


सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लेख:
कर्मचारी संगठनों ने वित्त मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसे मामलों में कर्मचारियों को ब्याज के साथ भुगतान किया जाना चाहिए।


हालांकि, जनवरी 2020 से जून 2021 तक 18 महीने का बकाया अभी भी रोका हुआ है। सरकार ने कर्मचारियों के 11 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान रोककर करोड़ों रुपये की बचत की है।


कर्मचारियों ने किस्तों में भुगतान का सुझाव दिया:
कर्मचारियों ने सरकार को सुझाव दिया है कि बकाया महंगाई भत्ता तीन किस्तों में जारी किया जाए, जिससे सरकार पर एक साथ बोझ नहीं पड़ेगा और कर्मचारियों को उनका हक मिल सकेगा।