केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग का गठन किया, प्रदर्शन आधारित वेतन ढांचे पर जोर

केंद्र सरकार ने आठवें वेतन आयोग का गठन किया है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए जिम्मेदारी और प्रदर्शन को आधार बनाना है। आयोग की अध्यक्षता जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी, और इसे 18 महीनों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। आयोग मौजूदा बोनस और भत्तों की समीक्षा करेगा, और यदि आवश्यक हो, तो गैर-जरूरी भत्तों को समाप्त करेगा। जानें आयोग की संरचना और संभावित बदलावों के बारे में।
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केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग का गठन किया, प्रदर्शन आधारित वेतन ढांचे पर जोर

वेतन आयोग की घोषणा

केंद्र सरकार ने मंगलवार को आठवें वेतन आयोग के दो सदस्यों के नामों की घोषणा की और इसके कार्यप्रणाली का भी खुलासा किया। इस नए वेतन आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के लिए जिम्मेदारी, जवाबदेही और प्रदर्शन को आधार बनाना है। आयोग वेतन, भत्ते, बोनस, पेंशन और अन्य सुविधाओं में आवश्यक बदलावों की सिफारिश करेगा, ताकि एक ऐसा वेतन ढांचा तैयार किया जा सके जो कार्य प्रदर्शन को प्रोत्साहित करे।


आयोग की संरचना

आयोग की अध्यक्षता जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी, जबकि प्रोफेसर पुलक घोष अंशकालिक सदस्य और पंकज जैन सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे। आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और इसे अपनी रिपोर्ट सरकार को 18 महीनों के भीतर प्रस्तुत करनी होगी। आयोग इस प्रक्रिया में विशेषज्ञों और सलाहकारों को शामिल कर सकता है। यदि पिछले वेतन आयोगों के अनुसार बदलाव किए जाते हैं, तो वेतन और पेंशन में महत्वपूर्ण वृद्धि संभव है।


बोनस और भत्तों की समीक्षा

आयोग मौजूदा बोनस योजनाओं और सभी भत्तों की समीक्षा करेगा, उनकी उपयोगिता और शर्तों का मूल्यांकन करेगा। आवश्यकता पड़ने पर गैर-जरूरी भत्तों को समाप्त किया जाएगा। नेशनल पेंशन सिस्टम में शामिल कर्मचारियों के लिए मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की भी समीक्षा की जाएगी। एनपीएस से बाहर के पुराने पेंशन धारकों के लिए पेंशन और ग्रेच्युटी नियमों पर भी सिफारिशें की जाएंगी।


भत्तों पर संभावित प्रभाव

हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं आई है, लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि यात्रा भत्ता, विशेष ड्यूटी भत्ता, छोटे क्षेत्रीय भत्ते और पुराने विभागीय भत्ते प्रभावित हो सकते हैं। सरकार का उद्देश्य सैलरी स्ट्रक्चर को सरल और समझने में आसान बनाना है।