केंद्र सरकार का दस्तावेज़ जांच अभियान: घुसपैठियों की पहचान के लिए SIR प्रक्रिया
केंद्र सरकार की नई पहल
केंद्र सरकार दस्तावेजों की जांच के साथ घुसपैठियों को तलाशेगा
हाल ही में भारतीय निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू करने की घोषणा की है। इस प्रक्रिया के तहत, केंद्र सरकार उन सभी दस्तावेजों की जांच करेगी जिन पर संदेह है। गृह मंत्रालय भी इस दौरान सक्रिय रहेगा और घुसपैठियों की पहचान करने का कार्य करेगा।
सरकार की यह पहल आम जनता की शिकायतों और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा SIR के दौरान संदेहास्पद नामों की सूची के आधार पर की जाएगी। यह कदम अगले वर्ष के मध्य में उठाया जाएगा, जब चुनाव आयोग SIR प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। चुनाव अधिकारियों का लक्ष्य 2026 जून तक इस प्रक्रिया को समाप्त करना है.
मतदाता पत्रों की जांच
बिहार में SIR की सफलतापूर्वक समाप्ति के बाद, चुनाव आयोग ने 12 राज्यों में इस प्रक्रिया को अगले साल 7 फरवरी तक पूरा करने की योजना बनाई है। असम को छोड़कर, अन्य चार राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। असम में नागरिकता की जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में चल रही है, इसलिए वहां SIR बाद में किया जाएगा।
जैसे ही SIR प्रक्रिया पूरी होगी, आयोग एक घोषणा करेगा जिसमें एक से अधिक मतदाता पत्र रखने वालों को कानूनी कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी जाएगी।
घुसपैठियों की पहचान
सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय दोनों मिलकर घुसपैठियों की पहचान करेंगे। आयोग ने SIR प्रक्रिया के दौरान 2003 की मतदाता सूची में शामिल लोगों को स्वतः नागरिकता देने का निर्णय लिया है।
नागरिकता अधिनियम के अनुसार, 1 जुलाई 1987 के बाद भारत में जन्मे व्यक्ति को नागरिक माना जाएगा यदि उसके माता-पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो।
नागरिकता सत्यापन के लिए मानक दस्तावेज
आयोग ने 2003 की मतदाता सूची को नागरिकता सत्यापन के लिए मानक दस्तावेज माना है। जिनका नाम इस सूची में है, उनकी नागरिकता की जांच की आवश्यकता नहीं है। यदि कोई व्यक्ति अपनी पुरानी पंजीकरण को छिपाकर नई पंजीकरण करता है, तो यह दंडनीय होगा।
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
अगले वर्ष के मध्य में आयोग की चेतावनी जारी होने के बाद, केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठाएगी। जनप्रतिनिधित्व कानून-1950 के तहत एक से अधिक स्थानों पर मतदाता पंजीकरण निषिद्ध है। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है, तो उसे एक वर्ष की सजा या जुर्माना हो सकता है।
