केंद्र सरकार का अरावली पर्वतमाला में माइनिंग पर रोक का बड़ा फैसला

केंद्र सरकार ने अरावली पर्वतमाला में माइनिंग गतिविधियों पर रोक लगाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह कदम जैव विविधता के संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के लिए उठाया गया है। मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिए हैं कि नई माइनिंग लीज जारी नहीं की जाएगी, जब तक नई गाइडलाइन तैयार नहीं होती। इसके साथ ही, चल रही माइनिंग गतिविधियों को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा। जानें इस फैसले के पीछे के कारण और इसके प्रभाव के बारे में।
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केंद्र सरकार का अरावली पर्वतमाला में माइनिंग पर रोक का बड़ा फैसला

अरावली पर्वतमाला में माइनिंग गतिविधियों पर रोक

केंद्र सरकार का अरावली पर्वतमाला में माइनिंग पर रोक का बड़ा फैसला

अरावली पर्वतमाला में माइनिंग को लेकर हाल ही में उठे विवाद के बीच, केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने अरावली क्षेत्र में नई माइनिंग लीज पर रोक लगाने का आदेश दिया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के मुख्य सचिवों को पत्र भेजकर कहा है कि जब तक नई गाइडलाइन तैयार नहीं होती, तब तक नई माइनिंग लीज जारी नहीं की जाएगी।

केंद्र ने माइनिंग लीज पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया

केंद्र सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अरावली में नई माइनिंग लीज देने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए। जैव विविधता के संरक्षण में अरावली की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए, सरकार इस क्षेत्र की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही, पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए अरावली में चल रही माइनिंग गतिविधियों को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा।

केंद्र सरकार के निर्देशों का उद्देश्य

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बताया कि यह रोक पूरे अरावली क्षेत्र में समान रूप से लागू होगी। इसका मुख्य उद्देश्य इस पर्वतमाला की अखंडता को बनाए रखना है। इन निर्देशों का लक्ष्य गुजरात से लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तक फैले भूवैज्ञानिक रिज की सुरक्षा करना और अनियमित माइनिंग गतिविधियों को रोकना है।

मंत्रालय ने ICFRE को दिए निर्देश

मंत्रालय ने इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन (ICFRE) को भी निर्देशित किया है कि वह अरावली में अतिरिक्त क्षेत्रों की पहचान करे, जहां माइनिंग पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसके अलावा, माइनिंग के लिए एक व्यापक और वैज्ञानिक प्रबंधन योजना तैयार की जा रही है, जो पर्यावरणीय प्रभाव और स्थिति की क्षमता का मूल्यांकन करेगी। यह योजना संवेदनशील और संरक्षण की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान भी करेगी।

निर्देशों के अनुसार, अरावली में माइनिंग से संरक्षित और प्रतिबंधित क्षेत्रों की कवरेज को बढ़ाया जाएगा। केंद्र ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जो खदानें पहले से चल रही हैं, उनके लिए संबंधित राज्य सरकारें सभी पर्यावरण सुरक्षा उपायों का पालन करेंगी, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में उल्लेखित है। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण और सतत माइनिंग प्रथाओं का पालन सुनिश्चित करने के लिए चल रही माइनिंग गतिविधियों को सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा.