कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की शुरुआत की

कृषि मंत्री का ऐतिहासिक कदम
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव के साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद सशस्त्र बलों के सम्मान में तिरंगा रैली में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' की शुरुआत करते हुए एक पौधा भी लगाया और ओडिशा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एक सम्मेलन हॉल का उद्घाटन किया। उन्होंने इसे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन बताया, क्योंकि वैज्ञानिक अब अपनी प्रयोगशालाओं से बाहर निकलकर किसानों के पास जाकर उन्हें नए शोध और कृषि विकास की जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
किसानों के लिए नई योजनाएं
शिवराज ने कहा कि ज्ञान अब केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसे ज़मीन पर भी लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उत्पादन बढ़ाने के लिए किसान, केंद्रीय कृषि मंत्रालय, राज्य विभाग और कृषि विश्वविद्यालय एक साथ मिलकर काम करेंगे। इसके अलावा, केंद्र और कैबिनेट ने किसानों के हित में संशोधित ब्याज अनुदान योजना की अवधि बढ़ा दी है। 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के शुभारंभ के दौरान, उन्होंने केवीके (कृषि विज्ञान केंद्र) के लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए एक रोडमैप तैयार करने की बात कही।
वैज्ञानिकों की नई भूमिका
शिवराज ने कहा कि 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' का उद्देश्य वैज्ञानिकों को प्रयोगशाला से बाहर लाना है, ताकि वे खेतों में किसानों के बीच जाकर उन्हें मिट्टी की गुणवत्ता और फसल बोने के बारे में जानकारी दें। इस कार्यक्रम की शुरुआत भगवान जगन्नाथ के दर्शन के साथ हुई। उन्होंने प्रार्थना की कि भगवान जगन्नाथ जी की कृपा से यह अभियान सफल हो और अन्न के भंडार भरे रहें। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे 29 मई से 12 जून तक चलने वाले इस अभियान को सफल बनाने में कोई कसर न छोड़ें।