कृषि उत्पादकता में वृद्धि के लिए सरकार के प्रयासों पर शिवराज सिंह चौहान का बयान
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि उत्पादकता में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने पिछले एक दशक में कृषि उत्पादन में हुई वृद्धि के आंकड़े साझा किए और किसानों के लिए विभिन्न वित्तीय सहायता योजनाओं का उल्लेख किया। चौहान ने बताया कि कैसे पीएम-किसान योजना और अन्य योजनाओं ने किसानों की आय को बढ़ाने में मदद की है। जानें इस विषय पर और क्या कहा उन्होंने।
Jul 29, 2025, 16:52 IST
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कृषि उत्पादकता बढ़ाने के प्रयास
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कृषि उत्पादकता में सुधार और विभिन्न कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों पर चर्चा की। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उन्होंने कहा कि हमने उत्पादन में वृद्धि की है, लागत को कम किया है, बेहतर मूल्य सुनिश्चित किया है, नुकसान की भरपाई की है और विविध कृषि को प्रोत्साहित किया है। यह केवल एक फसल की खेती तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें फल, फूल, सब्जियाँ, डेयरी, मछली पालन और पशुपालन शामिल हैं। हमने कई नई तकनीकों का परीक्षण किया है।
मंत्री ने पिछले एक दशक में कृषि उत्पादन में हुई महत्वपूर्ण वृद्धि के आंकड़े साझा किए। उन्होंने बताया कि 2013-14 में खाद्यान्न उत्पादन 240.42 मिलियन टन था, जो अब 353.96 मिलियन टन तक पहुँच गया है। दालों का उत्पादन 16.38 मिलियन टन से बढ़कर 25.24 मिलियन टन हो गया है। तिलहन का उत्पादन 27.51 मिलियन टन से बढ़कर 42.61 मिलियन टन हो गया है, और दूध का उत्पादन 137.7 मिलियन टन से बढ़कर 249.30 मिलियन टन हो गया है।
चौहान ने किसानों के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता योजनाओं का उल्लेख किया, जिसमें पीएम-किसान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के लिए बढ़ी हुई धनराशि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पीएम-किसान योजना के तहत 10 करोड़ किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ मिला है। उन्होंने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए यूरिया और डीएपी पर सब्सिडी का भी जिक्र किया।
शिवराज ने बताया कि कांग्रेस के शासन में केसीसी की धनराशि 7 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर भाजपा के शासन में 25 लाख करोड़ रुपये हो गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ने 35,000 करोड़ रुपये के प्रीमियम के बदले 1.43 लाख करोड़ रुपये के दावों का भुगतान किया है। उन्होंने कहा कि एमएसपी में अब उत्पादन लागत पर 50 प्रतिशत लाभ शामिल है, जिसे कांग्रेस ने अपने शासन में खारिज कर दिया था। यूरिया और डीएपी की सब्सिडी ने किसानों की आय को और बढ़ाया है।
भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व की फसल बीमा योजना किसान हितैषी नहीं थी, और इसमें कई सुधार किए गए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत यदि बीमा कंपनी किसान का क्लेम निर्धारित तिथि से 21 दिनों के भीतर नहीं चुकाती है, तो उसे 12% ब्याज सहित भुगतान करना होगा। उन्होंने कहा कि कई बार राज्य सरकार के हिस्से में देरी होती है, लेकिन अब यह सुनिश्चित किया गया है कि केंद्र सरकार अपना हिस्सा जरूर डालेगी।