कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता का भावुक पत्र, न्याय की उम्मीद में निराशा

कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद एक भावुक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने न्याय की उम्मीद में निराशा व्यक्त की है। उन्होंने अपने परिवार की आठ साल की चुप्पी और संघर्ष का जिक्र किया है, साथ ही समाज में फैली नफरत का सामना करने की बात की है। इशिता का यह पत्र न केवल व्यक्तिगत दर्द को दर्शाता है, बल्कि न्याय प्रणाली पर भी सवाल उठाता है। जानें उनके पत्र में क्या कहा गया है और सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई के बारे में।
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कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता का भावुक पत्र, न्याय की उम्मीद में निराशा

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

कुलदीप सेंगर की बेटी इशिता का भावुक पत्र, न्याय की उम्मीद में निराशा

इशिता सेंगर और कुलदीप सिंह सेंगर

उन्नाव रेप केस में सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें सेंगर की सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें जमानत दी गई थी। इस फैसले के बाद, सेंगर की छोटी बेटी इशिता ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें अदालत पर विश्वास था और वे अपने पिता की रिहाई का इंतजार कर रही थीं, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गई है और उनका विश्वास टूट रहा है।


इशिता का भावुक पत्र

इशिता ने लिखा, "मैं यह पत्र एक थकी हुई और डरी हुई बेटी के रूप में लिख रही हूं, जो धीरे-धीरे विश्वास खो रही है, लेकिन फिर भी उम्मीद से जुड़ी हुई है क्योंकि अब कहीं और जाने का विकल्प नहीं बचा है।" उन्होंने कहा कि आठ वर्षों से उनका परिवार चुपचाप और धैर्यपूर्वक न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है, यह मानते हुए कि यदि वे सब कुछ सही तरीके से करेंगे, तो अंततः सच्चाई सामने आएगी।


सामाजिक मीडिया पर नफरत का सामना

इशिता ने यह भी कहा कि उन्हें सोशल मीडिया पर कई बार अपमानित किया गया है, और यह नफरत वास्तविक है। उन्होंने लिखा, "जब आपको एहसास होता है कि इतने सारे लोग मानते हैं कि आप जीने के लायक नहीं हैं, तो यह आपको अंदर से तोड़ देता है।"


सच्चाई की आवश्यकता

इशिता ने आगे कहा कि उन्होंने मौन इसलिए नहीं चुना क्योंकि वे शक्तिशाली थे, बल्कि इसलिए कि उन्होंने संस्थाओं में विश्वास रखा। उन्होंने कहा, "हमने विरोध प्रदर्शन नहीं किया, न ही मीडिया में शोर मचाया। हमने इंतजार किया क्योंकि हमें विश्वास था कि सच्चाई को तमाशे की आवश्यकता नहीं होती।"


सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सेंगर को नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते बाद जवाब तलब किया है। अगली सुनवाई में न्यायालय लोक सेवक से संबंधित न्यायिक फैसलों और कानूनी परिभाषाओं पर चर्चा करेगा।