कुमार विश्वास का 'धुरंधर' पर बयान: पाकिस्तान के खिलाफ है तो ताली बजाओ

कुमार विश्वास ने फिल्म 'धुरंधर' पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि यदि यह पाकिस्तान के खिलाफ है, तो ताली बजानी चाहिए। उन्होंने फिल्म की लंबाई और आलोचना पर भी चर्चा की। फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने भी इस फिल्म को लेकर चिंता जताई है, यह कहते हुए कि ऐसी फिल्में उद्योग के लिए खतरा बन जाती हैं। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और फिल्म की विशेषताएँ।
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कुमार विश्वास का 'धुरंधर' पर बयान: पाकिस्तान के खिलाफ है तो ताली बजाओ

कुमार विश्वास का फिल्म 'धुरंधर' पर प्रतिक्रिया

कुमार विश्वास का 'धुरंधर' पर बयान: पाकिस्तान के खिलाफ है तो ताली बजाओ

धुरंधर फिल्म पर कुमार का कमेंट.

फिल्म 'धुरंधर' की धूम मची हुई है, लेकिन कुछ लोग इसे आलोचना का निशाना बना रहे हैं। इस पर प्रसिद्ध कवि कुमार विश्वास ने अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह फिल्म साढ़े तीन घंटे लंबी है, और इसे देखना या न देखना दर्शकों की पसंद है। देखने वालों ने कोई हंगामा नहीं किया, लेकिन विरोधियों ने इसे प्रोपेगेंडा करार दिया है।

कुमार ने सवाल उठाया कि प्रोपेगेंडा किसके खिलाफ है? विरोधियों का कहना है कि यह पाकिस्तान के खिलाफ है। इस पर कुमार ने कहा कि अगर यह पाकिस्तान के खिलाफ है, तो ताली बजाओ। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग इस देश में समझ नहीं पाते हैं। बीजेपी के लोग जो मंच पर हैं, वे बहुत समझदार हैं और हर पांच दिन में विपक्ष को होमवर्क देते हैं। कुमार ने आश्चर्य व्यक्त किया कि लोग उस होमवर्क को क्यों लेते हैं।

फिल्म उद्योग में चिंता का माहौल

फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने भी इस पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब भी 'धुरंधर' जैसी फिल्म आती है, तो फिल्म उद्योग से जुड़े लोग इसे अपने लिए खतरा मानने लगते हैं। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि ऐसी क्रांतिकारी फिल्मों को नजरअंदाज करना पसंद करते हैं।

कमजोर कहानियों की समस्या

राम गोपाल वर्मा ने हाल के वर्षों में बनी फिल्मों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्मों की कहानियां हर दर्शक वर्ग को लुभाने में असफल रहती हैं। यह बात उन सभी बड़ी फिल्मों पर भी लागू होती है जो वर्तमान में बन रही हैं। इन फिल्मों की कहानी और निर्माण 'धुरंधर' से पहले बनी फिल्मों के मॉडल पर आधारित हैं।

धुरंधर की विशेषता

उन्होंने कहा कि 'धुरंधर' केवल एक बेहतरीन फिल्म नहीं है, बल्कि यह पिछले 50 वर्षों में सबसे चर्चित फिल्म बन गई है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 'आदित्यधरफिल्म्स' उद्योग के लोगों को अपनी फिल्मों की तुलना 'धुरंधर' से करने के लिए मजबूर कर रही है।