किसानों के लिए जल शुल्क की आवश्यकता नहीं: केंद्र सरकार का स्पष्टीकरण

केंद्र सरकार का स्पष्ट बयान
नई दिल्ली, 28 जून: शनिवार को केंद्र सरकार ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया, जिनमें कहा गया था कि किसानों को 'कमांड एरिया डेवलपमेंट और जल प्रबंधन योजना' के तहत जल शुल्क का भुगतान करना होगा। यह योजना सिंचाई दक्षता को बढ़ाने के लिए शुरू की जा रही है।
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "यह ध्यान में आया है कि कुछ मीडिया में गलत और भ्रामक रिपोर्टें आई हैं कि किसानों को अब एक नई योजना के तहत जल उपयोग के लिए शुल्क देना होगा।"
बयान में आगे कहा गया, "यह योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत 'कमांड एरिया डेवलपमेंट और जल प्रबंधन (M-CADWM) योजना' से संबंधित है। इसका उद्देश्य सिंचाई दक्षता को बढ़ाना, जल का समान वितरण सुनिश्चित करना और आधुनिक तकनीकों जैसे प्रेशराइज्ड पाइपलाइन नेटवर्क, IoT उपकरणों और SCADA सिस्टम का उपयोग करना है।"
इसमें स्पष्ट किया गया कि इस पायलट परियोजना के तहत किसानों पर जल उपयोग के लिए शुल्क लगाने का कोई प्रावधान नहीं है। जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे को स्पष्ट किया था।
बयान में यह भी कहा गया कि 'कृषि' और 'जल' संविधान के तहत राज्य विषय हैं। इसलिए, जल उपयोग संघों (WUAs) या इस योजना के लाभार्थियों से शुल्क संग्रह का निर्णय केवल संबंधित राज्य सरकारों पर निर्भर करेगा।
मंत्रालय ने सभी हितधारकों, विशेषकर मीडिया संस्थानों से अनुरोध किया है कि वे ऐसी रिपोर्टें प्रकाशित करने से पहले तथ्यों की पुष्टि करें, ताकि किसानों के बीच अनावश्यक चिंता या भ्रम न उत्पन्न हो।
--IANS