किश्तवाड़ में बादल फटने से चिकित्सा संकट: जीएमसी ने 25 गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाई

किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना ने एक बड़ा चिकित्सा संकट उत्पन्न किया, जिसमें जीएमसी ने 25 गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाई। 14 अगस्त को हुई इस आपदा में 60 लोगों की जान गई और 100 से अधिक घायल हुए। इसके अलावा, 82 लोग लापता हैं, जिनमें तीर्थयात्री और एक सीआईएसएफ जवान शामिल हैं। जानें इस संकट के बारे में और अधिक जानकारी।
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किश्तवाड़ में बादल फटने से चिकित्सा संकट: जीएमसी ने 25 गंभीर रूप से घायल मरीजों की जान बचाई

किश्तवाड़ में चिकित्सा संकट का सामना

राजकीय मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) और अस्पताल, जो जम्मू-कश्मीर के प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में से एक है, ने किश्तवाड़ में बादल फटने के कारण उत्पन्न चिकित्सा संकट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस घटना में गंभीर रूप से घायल 25 व्यक्तियों की जटिल सर्जरी कर उनकी जान बचाई गई, जैसा कि अधिकारियों ने बताया।


जीएमसी जम्मू के प्रिंसिपल, डॉ. आशुतोष गुप्ता ने जानकारी दी कि, "14 अगस्त की रात को 66 गंभीर रूप से घायल मरीजों को जीएमसी जम्मू लाया गया। उसी रात लगभग 25 बड़ी सर्जरी की गई ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।"


उन्होंने आगे बताया कि अगले दिन भी चिकित्सा देखभाल जारी रही और और सर्जरी की गईं। यह आपदा 14 अगस्त को अपराह्न लगभग 12:30 बजे मचैल माता मंदिर के रास्ते में चिशोती गांव में आई, जिसमें 60 लोगों की जान गई और 100 से अधिक लोग घायल हुए।


बादल फटने के कारण आई बाढ़ के बाद से 82 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें 81 तीर्थयात्री और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का एक जवान शामिल है।