किशोर इंदुकुरी की प्रेरणादायक कहानी: नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग में सफलता

किशोर इंदुकुरी की कहानी एक प्रेरणा है, जिन्होंने अपनी उच्च वेतन वाली नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग में कदम रखा। उन्होंने 20 गायों के साथ 'सिड्स फार्म' की स्थापना की, जो आज 44 करोड़ रुपये की कंपनी बन चुकी है। यह कहानी हमें सिखाती है कि अपने मन की सुनना और मेहनत करना सफलता की कुंजी है। जानें कैसे किशोर ने अपने सपनों को साकार किया।
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सपनों की ओर कदम बढ़ाते हुए

किशोर इंदुकुरी की कहानी हमें यह सिखाती है कि व्यक्ति को वही काम करना चाहिए, जिसमें उसका मन लगे। हालांकि, आज भी कई लोग समाज की अपेक्षाओं के चलते भेड़ चाल का अनुसरण करते हैं। परिवार अक्सर अपने बच्चों पर करियर के चयन में दबाव डालते हैं, जिससे बच्चे अपनी इच्छाओं को दरकिनार कर देते हैं। लेकिन किशोर की कहानी एक अलग दिशा में जाती है, जो यह दर्शाती है कि अगर किसी में धैर्य और मेहनत करने का जज़्बा हो, तो वह अपने मन की बात सुनकर सफलता प्राप्त कर सकता है।


किशोर का साहसिक निर्णय

किशोर इंदुकुरी, जो अमेरिका में एक उच्च वेतन वाली नौकरी कर रहे थे, ने एक दिन अपने करियर को बदलने का साहसिक निर्णय लिया। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर अपने गृहनगर लौटने का फैसला किया। वहां उन्होंने 20 गायें खरीदीं और डेयरी फार्मिंग में कदम रखा। प्रारंभिक चुनौतियों का सामना करने के बाद, उनकी मेहनत रंग लाई और आज उनकी कंपनी की कीमत 44 करोड़ रुपये है।


शिक्षा और अनुभव

किशोर ने मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और पीएचडी की डिग्री प्राप्त की और इंटेल में छह साल तक काम किया। हालांकि, वह अपनी नौकरी से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने अपने गृहनगर लौटने का निर्णय लिया। हैदराबाद में, उन्होंने देखा कि लोगों के पास सुरक्षित और स्वास्थ्यकर दूध के सीमित विकल्प हैं, जिससे उन्हें एक बिजनेस आइडिया मिला।


सिड्स फार्म की स्थापना

2012 में, किशोर ने केवल 20 गायों के साथ अपनी डेयरी शुरू की। उन्होंने अपने परिवार के साथ मिलकर गायों का दूध निकालना शुरू किया और सीधे ग्राहकों के घरों तक ऑर्गेनिक दूध पहुंचाने का काम किया। उन्होंने दूध की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक इंस्टाल-फ्रीज-स्टोर सिस्टम में निवेश किया। आज, उनके डेयरी फार्म 'सिड्स फार्म' के पास लगभग 10,000 ग्राहक हैं और यह जैविक दूध, दही और घी भी बेचते हैं।


सफलता की कहानी

किशोर इंदुकुरी की कहानी यह साबित करती है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। मेहनत और लगन से किया गया हर काम सफल होता है। उनकी सफलता हमें प्रेरित करती है कि हमें अपने सपनों का पीछा करना चाहिए और अपने मन की सुननी चाहिए।