किरायेदारों के अधिकार: कब और कैसे कर सकते हैं फ्लैट पर दावा?
किरायेदारों और मकान मालिकों के बीच विवाद
कई बार मकान मालिक और किरायेदारों के बीच छोटी-छोटी बहसें बड़े विवादों का रूप ले लेती हैं। अक्सर लोग नौकरी के सिलसिले में बड़े शहरों में किराए पर रहने के लिए जाते हैं और कई वर्षों तक वहीं रहते हैं। इसके बाद, कुछ किरायेदार उस संपत्ति पर अपना दावा करने की कोशिश करते हैं। क्या यह संभव है? हाँ, यह संभव है, लेकिन इसके लिए कुछ कानूनी शर्तें पूरी करनी होती हैं। आइए जानते हैं Tenant Rules 2025 के बारे में।
किरायेदार कब कर सकता है दावा?
कानून के अनुसार, यदि कोई किरायेदार लगातार 12 वर्षों तक किसी फ्लैट में बिना किसी आपत्ति के रह रहा है और मकान मालिक ने उसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की है, तो वह किरायेदार उस फ्लैट पर विरोधात्मक कब्जा के तहत दावा कर सकता है। हालांकि, केवल दावा करने से किरायेदार को संपत्ति नहीं मिलती; इसके लिए उन्हें कुछ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
जरूरी दस्तावेज
किरायेदार के पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे बिजली का बिल, पानी का बिल और प्रॉपर्टी के दस्तावेज होना आवश्यक है। यदि किरायेदार ये सभी दस्तावेज प्रस्तुत करता है और मकान मालिक इसका विरोध नहीं कर पाते, तो वह फ्लैट पर कब्जे का दावा कर सकता है।
कब नहीं कर सकते किरायेदार दावा?
यदि कोई किरायेदार रेंट एग्रीमेंट के तहत रह रहा है, तो वह उस फ्लैट पर दावा नहीं कर सकता। इसके अलावा, यदि आप किरायेदार के नाम पर पानी या बिजली का बिल नहीं बनाते हैं या यदि किरायेदार का व्यवहार ठीक नहीं है, तो आप उसे फ्लैट खाली करने के लिए कह सकते हैं। इसके लिए आप उसे नोटिस भी दे सकते हैं, जिससे आप अपने फ्लैट पर किरायेदार के दावे को खारिज कर सकते हैं।
