किम जोंग उन के खिलाफ पहली बार कानूनी कार्रवाई का मामला

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के खिलाफ पहली बार कानूनी कार्रवाई की गई है। एक उत्तर कोरियाई शरणार्थी ने दक्षिण कोरिया की अदालत में उनके खिलाफ मानवता के खिलाफ गंभीर अपराधों का आरोप लगाया है। यह मामला ऐतिहासिक है, क्योंकि यह पहली बार है जब किसी पीड़िता ने उत्तर कोरिया में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की है। चोई मिन-कियॉन्ग, जो खुद एक पीड़िता हैं, ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की योजना बनाई है। जानें इस मुकदमे के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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किम जोंग उन के खिलाफ पहली बार कानूनी कार्रवाई का मामला

किम जोंग उन के खिलाफ मुकदमा

किम जोंग उन के खिलाफ पहली बार कानूनी कार्रवाई का मामला


उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की शुरुआत हुई है। एक व्यक्ति, जो उत्तर कोरिया से भाग चुका है, ने दक्षिण कोरिया की अदालत में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।


इस शिकायत में किम जोंग उन पर मानवता के खिलाफ गंभीर अपराधों का आरोप लगाया गया है।


‘डेटाबेस सेंटर फॉर नॉर्थ कोरियन ह्यूमन राइट्स’ (NKDB) के मानवाधिकार कानूनी सहायता केंद्र ने बताया कि वे शुक्रवार को सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में उत्तर कोरिया के जेल पीड़ितों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले चोई मिन-कियॉन्ग की ओर से शिकायत दर्ज करेंगे.


मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप

NKDB का मानना है कि यह मामला ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया में मानवाधिकार हनन का शिकार कोई पीड़िता कानूनी लड़ाई शुरू कर रही है। संस्था इस मामले को संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय जैसे वैश्विक मंचों पर भी उठाने की योजना बना रही है। किम जोंग उन पर कई पश्चिमी देशों ने गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों का आरोप लगाया है, और उनके मिसाइल परीक्षणों के कारण अमेरिका ने उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।


चोई का अनुभव

चोई ने 1997 में उत्तर कोरिया छोड़ा और 2008 तक चीन में रहीं, जब उन्हें जबरन उत्तर कोरिया भेज दिया गया। उनके अनुसार, वापसी के बाद उन्हें एक हिरासत केंद्र में पांच महीने तक शारीरिक प्रताड़ना, यौन शोषण और अमानवीय अत्याचारों का सामना करना पड़ा। 2012 में, वह फिर से उत्तर कोरिया से भागने में सफल रहीं और कुछ महीनों में दक्षिण कोरिया में बस गईं।


आगे की कानूनी कार्रवाई

अब चोई अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के तहत किम जोंग उन और उनके सुरक्षा मंत्रालय के पांच अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज कराने जा रही हैं। उनका कहना है, 'मैं उन लोगों को न्याय दिलाना चाहती हूं जो किम शासन के तहत मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं। मुझे विश्वास है कि यह कानूनी कदम उत्तर कोरिया में मानवाधिकार उल्लंघनों पर ध्यान आकर्षित करेगा।'