किडनी कैंसर: लक्षण, कारण और जोखिम कारक
किडनी कैंसर का परिचय
किडनी, जो हमारे शरीर का एक आवश्यक अंग है, रक्त को शुद्ध करने का कार्य करती है। हालांकि, कभी-कभी किडनी में असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि होती है, जिससे ट्यूमर बनता है। यदि यह वृद्धि अनियंत्रित हो जाए, तो यह कैंसर में परिवर्तित हो सकती है, जिसे किडनी कैंसर कहा जाता है।
किडनी कैंसर कैसे विकसित होता है?
कभी-कभी आनुवंशिक परिवर्तन होते हैं, जो कोशिकाओं के विकास को नियंत्रित करने में बाधा डालते हैं। ये अनियंत्रित कोशिकाएँ किडनी में बढ़ती हैं और ट्यूमर का निर्माण करती हैं, जो बाद में कैंसर में बदल सकती हैं। इस प्रक्रिया को मेटास्टेसिस कहा जाता है।
किडनी कैंसर के जोखिम कारक
कई कारक इस बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, जैसे:
धूम्रपान: तंबाकू का सेवन करने वालों में किडनी कैंसर का खतरा दोगुना हो जाता है।
मोटापा: अतिरिक्त वसा कोशिकाओं की वृद्धि को प्रभावित करता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।
उच्च रक्तचाप: लंबे समय तक उच्च रक्तचाप से पीड़ित व्यक्ति किडनी पर दबाव डालते हैं।
पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को किडनी की गंभीर बीमारी रही है, तो कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
किडनी कैंसर के प्रारंभिक लक्षण
किडनी कैंसर की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसके प्रारंभिक चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते। इसलिए, अक्सर इसका पता देर से चलता है। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, कुछ लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होने लगते हैं।
किडनी कैंसर के लक्षण
पेशाब में खून आना: पेशाब का रंग गुलाबी या लाल हो सकता है, जो इस बीमारी का एक महत्वपूर्ण लक्षण है।
पीठ के निचले हिस्से में दर्द: किडनी कैंसर में पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द होता है, जो जांघों तक फैल सकता है।
किडनी के पास गांठ या सूजन: कभी-कभी शरीर के किसी हिस्से में गांठ या सूजन महसूस हो सकती है।
लगातार थकान: पर्याप्त नींद लेने के बावजूद थकान महसूस होना भी एक लक्षण है।
भूख न लगना: खाने की इच्छा में कमी आना, खासकर बिना किसी आहार परिवर्तन के।
अप्रत्याशित वजन घटना: बिना किसी आहार के अचानक वजन कम होना।
हीमोग्लोबिन की कमी: रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से थकान, सांस लेने में कठिनाई और ठंड लगना।
