काले अमरूद की बढ़ती मांग: रीवा में अनोखी फसल

रीवा जिले में काले अमरूद की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है। यह फल न केवल देखने में आकर्षक है, बल्कि इसका स्वाद भी अद्वितीय है। कृषि वैज्ञानिक टीके सिंह के अनुसार, काले अमरूद का गूदा गुलाबी होता है और इसकी मांग बढ़ रही है। जानें इस विशेष फल की खेती के बारे में और क्यों किसान इसे अपने बागों में लगाना पसंद कर रहे हैं।
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काले अमरूद की बढ़ती मांग: रीवा में अनोखी फसल

काले अमरूद की विशेषताएँ

काले अमरूद की बढ़ती मांग


रीवा: हरे और लाल अमरूद के बारे में तो सभी जानते हैं, लेकिन क्या आपने कभी काले अमरूद का अनुभव किया है? यह विशेष फल मध्य प्रदेश के रीवा जिले के कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में उगाया जाता है। इसके अलावा, कई स्थानीय किसान भी अपने बागों में इस काले अमरूद को उगाते हैं। यह फल न केवल देखने में आकर्षक है, बल्कि इसका स्वाद भी अद्वितीय है।


कृषि वैज्ञानिक टीके सिंह के अनुसार, काले अमरूद का रंग गहरा होता है और यह अनार के समान दिखता है। आमतौर पर, अमरूद का गूदा सफेद होता है, लेकिन काले अमरूद का गूदा गुलाबी रंग का होता है। उत्पादन के मामले में, यह फल काफी खास है।


काले अमरूद की विशेषताएँ
मध्य और उत्तर भारत की जलवायु में, यह पौधा 10 साल की उम्र में प्रति पौधा 40 किलो फल देता है। हालांकि, इसका उत्पादन सीमित है, लेकिन इसका स्वाद बेजोड़ है। इसे कई लोग 'काला बादशाह' भी कहते हैं। 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच इसका स्वाद सबसे अच्छा होता है। इसका टी एस एस 12.5 है और इसे 7 से 8 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है। चूंकि यह पौधा रंगीन है, इसलिए इसे कीटों से बचाना आवश्यक होता है।


घर की सजावट में योगदान
टीके सिंह ने बताया कि काले अमरूद की विशेषता यह है कि यह अन्य अमरूदों से अलग दिखता है। यदि आप सैकड़ों प्रकार के अमरूदों को एक साथ रखें, तो भी यह अलग नजर आएगा। हमने 70 विभिन्न प्रकारों का परीक्षण किया, जिसमें काले अमरूद को सबसे अधिक पसंद किया गया। किसान इस पौधे की मांग इसलिए करते हैं क्योंकि यह उनके बाग-बगिचों की सुंदरता को बढ़ाता है।