कार्तिक मास के अंतिम दिनों में भाग्य को चमकाने के उपाय

कार्तिक मास के अंतिम 2 दिनों में भीष्म पंचक का महत्व और विशेष उपायों के बारे में जानें। ये दिन भक्ति और पुण्य का अद्भुत समय हैं। जानें कैसे आप इन दिनों में अपने भाग्य को चमका सकते हैं।
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कार्तिक मास के अंतिम दिनों में भाग्य को चमकाने के उपाय

कार्तिक मास के अंतिम 2 दिन

कार्तिक मास के अंतिम दिनों में भाग्य को चमकाने के उपाय

कार्तिक के अंतिम 2 दिन

जब कार्तिक मास अपने समापन की ओर बढ़ता है, तब भीष्म पंचक का पवित्र और रहस्यमय समय शुरू होता है। यह केवल पांच दिनों का व्रत नहीं है, बल्कि भक्ति और धर्म का अद्भुत संगम है। भीष्म पंचक का अर्थ है पांच, और यह उन पांच दिनों की याद में मनाया जाता है जब भीष्म पितामह ने भगवान श्री कृष्ण को अपनी अंतिम सांसें अर्पित की थीं। भीष्म पंचक की शुरुआत 1 नवंबर से हुई और इसका समापन 5 नवंबर को होगा।

कार्तिक मास के अंतिम 5 दिनों का महत्व

भीष्म पंचक का महत्व केवल पितामह भीष्म की स्मृति से नहीं है, बल्कि यह भक्ति के अंतिम परीक्षण का समय भी माना जाता है। इन पांच दिनों में भगवान विष्णु की सेवा करने वाले भक्त पूरे कार्तिक मास के पुण्य को प्राप्त कर सकते हैं। कार्तिक मास के समाप्त होने में अब केवल दो दिन बचे हैं, जिसके बाद मार्गशीर्ष मास की शुरुआत होगी। यदि आप इन अंतिम 2 दिनों में श्रीहरि की कृपा पाना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए उपायों का पालन करें।

यदि आप पूरे कार्तिक मास में पूजा नहीं कर पाए हैं, तो इन अंतिम 2 दिनों के नियमों का पालन करने से आपको पूरा पुण्य फल प्राप्त होगा। ये दिन आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत शक्तिशाली माने जाते हैं।

कार्तिक मास के अंतिम 2 दिनों के उपाय

तुलसी पर दीपक जलाएं: प्रतिदिन सुबह और शाम तुलसी के नीचे देसी गाय के घी का दीपक जलाना चाहिए।

शिवजी के सम्मुख दीपदान: कार्तिक मास के अंतिम 2 दिनों में शिवजी के सामने घी का दीपक अर्पित करने से ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है।

शंख से स्नान कराएं: कार्तिक के अंतिम दिनों में भगवान विष्णु को शंख से स्नान कराना अत्यंत फलदायी होता है।

नियमों का पालन: इन दिनों तामसिक भोजन से परहेज करें जैसे – मांस, मदिरा, प्याज-लहसुन और कुछ विशेष दालें और सब्जियां।

दान करें: कार्तिक के अंतिम 2 दिनों में अन्न, वस्त्र, या भूमि का दान इन दिनों में हजार गुना फल देता है।

(Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. मीडिया चैनल इसकी पुष्टि नहीं करता है.)