कानपुर में हत्या का मामला: जमीन विवाद के चलते युवक की हत्या

कानपुर में एक युवक की हत्या का मामला सामने आया है, जिसमें मृतक के पिता ने बताया कि यह हत्या ढाई करोड़ रुपये की जमीन के विवाद के चलते हुई। पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है और मामले की जांच जारी है। मृतक के परिवार में शोक की लहर है, क्योंकि विपिन की लाश नदी किनारे मिली थी। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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कानपुर में हत्या का मामला: जमीन विवाद के चलते युवक की हत्या

कानपुर में युवक की हत्या का रहस्य

कानपुर में हत्या का मामला: जमीन विवाद के चलते युवक की हत्या


उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक युवक की लाश नदी के किनारे मिलने के बाद हत्या के कारणों का खुलासा हुआ है। मृतक के पिता ने बताया कि यह हत्या ढाई करोड़ रुपये की जमीन के विवाद के चलते हुई है। यह घटना गुजैनी थाना क्षेत्र में हुई।


गंगा प्रसाद, मृतक के पिता, ने जानकारी दी कि उनका परिवार घाटमपुर के सांड कस्बे में रहता है। 2006 में उनके मामा छेड़लाल शुक्ला ने 12 बीघा जमीन का गोदनामा उनके नाम किया था। यह जमीन चार साल पहले डिफेंस कॉरिडोर परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई थी, जिसके लिए उन्हें लगभग ढाई करोड़ रुपये का मुआवजा मिलना था।


हाल ही में उनके खाते में ₹60 लाख की राशि भी आई थी। गंगा प्रसाद ने बताया कि उनके मामा के दो भाई, सुरेश और संतोष शुक्ला, कानपुर के यशोदा नगर में रहते हैं और उन्होंने अपनी बेटी सुनिधि के नाम पर एक फर्जी गोदनामा तैयार किया था। 2013-14 में इस जमीन के मालिकाना हक को लेकर मुकदमा भी दायर किया गया था, जिससे विवाद बढ़ गया। दोनों भाई गंगाराम और उसके बेटों को जान से मारने की धमकी देते रहते थे।


पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया


डीसीपी साउथ कानपुर, दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि मृतक के पिता की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दोनों संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।


गंगा प्रसाद ने बताया कि उनके दोनों बेटे, अमित तिवारी और विपिन, कानपुर की एक पान मसाला फैक्ट्री में काम करते थे। अमित जहांपुर में रहता था, जबकि विपिन अपने परिवार के साथ सांड में रहता था। विपिन रोज बस से फैक्ट्री जाता था। मंगलवार सुबह 6:00 बजे वह फैक्ट्री के लिए निकला, लेकिन वापस नहीं आया।


विपिन का फोन बंद हो गया था


अमित ने बताया कि विपिन से 7:30 बजे फोन पर बात हुई थी, जिसमें उसने कहा कि वह घर लौट रहा है और बारा देवी पहुंच गया है। लेकिन कुछ समय बाद उसका फोन स्विच ऑफ हो गया। इसके बाद अमित ने अपने भाई के लापता होने की जानकारी पुलिस को दी।


बुधवार सुबह 9:00 बजे, जब मेहरबान सिंह का शव मिला, तो अमित फैक्ट्री के सुपरवाइजर धर्मेंद्र के साथ घटनास्थल पर पहुंचा और शव की पहचान विपिन के रूप में की। अमित ने बताया कि नदी किनारे विपिन के हाथ रस्सी से बंधे थे और उसके सिर को बोरी में बांधकर पत्थर से कुचला गया था। परिवार में विपिन की हत्या की खबर से शोक की लहर दौड़ गई है।